हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम आराध्य देव माना गया है। पौराणिक मान्यता है कि भादो मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस तिथि को भी भगवान शिव का जन्म हुआ था। इस साल गणेश चतुर्थी पर्व 31 अगस्त बुधवार को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान गणेश की पूजा के दौरान कुछ बातों की सावधानी जरूर रखना चाहिए। भगवान गणेश को पूजा में कई चीजों चढ़ाई जाती है लेकिन कभी भी तुलसी का भोग नहीं लगाया जाता है। इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
भगवान गणेश को इसलिए नहीं लगाते तुलसी का भोग
पौराणिक मान्यता है कि एक बार भगवान गणेश तपस्या में लीन थे, इस दौरान तुलसी देवी वहां से गुजरी। भगवान गणेश को तपस्या में लगा देख तुलसी देवी भगवान गणेश पर मोहित हो गए और तुलसी माता ने भगवान गणेश की तपस्या भंग करके उन्हें शादी का प्रस्ताव दिया। लेकिन भगवान गणेश ने तुलसी के विवाह प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया, खुद को एक ब्रह्मचारी और भगवान विष्णु का भक्त होने का दावा किया।
विवाह प्रस्ताव खारिज होने पर क्रोधित हुई देवी तुलसी
श्री गणेश की ओर से विवाह प्रस्ताव को अस्वीकार करने से क्रोधित होकर तुलसी ने उन्हें श्राप दिया कि आपने ब्रह्मचारी होने का दावा करके मेरे विवाह प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है, इसलिए आपकी एक नहीं बल्कि दो पत्नियां होगी। देवी तुलसी का श्राप सुनकर भगवान गणेश भी क्रोधित हो गए और उन्होंने तुलसी देवी को श्राप दे दिया कि तुम्हारा विवाह एक असुर से होगा।
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