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विधि और विधायी कार्य विभाग की मुख्यमंत्री चौहान ने समीक्षा की

 मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अनुपयोगी कानूनों को समाप्त करने और अधिनियम, नियम तथा नीतियों के सरलीकरण के लिए समय-सीमा निर्धारित की जाए। लोक अभियोजन अधिकारियों के कार्यों की नियमित समीक्षा के लिए प्रदेश में व्यवस्था विकसित करें। लोक अभियोजन संचालनालय को सशक्त बनाने के लिए कॉडर निर्माण सहित आवश्यक ढाँचागत सुधार समय-सीमा में सुनिश्चित किया जाये। मुख्यमंत्री चौहान मंत्रालय में विधि और विधायी कार्य विभाग की समीक्षा कर रहे थे। संसदीय कार्य तथा विधि और विधायी कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।


मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि न्यायालयों के कार्य संचालन की सुगमता के लिए जिलों में न्यायालय भवन, न्यायाधीश आवास गृह, बार रूम, न्यायाधीशों के पदों तथा सपोर्टिंग स्टाफ की पूर्ति के संबंध में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, एडवोकेट जनरल आदि के साथ वार्षिक स्तर पर बैठक करने की व्यवस्था स्थापित की जाए।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राज्य शासन के विरूद्ध प्रकरणों की मॉनीटरिंग के लिए साफ्टवेयर विकसित किया जाए। राज्य में लंबी अवधि से लंबित मुकदमों के जल्द निराकरण के लिए भी नीति निर्धारित करना आवश्यक है। मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने अधिवक्ता पंचायत के आयोजन का सुझाव दिया।

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