महाराष्ट्र की तरह गोवा में भी बागी विधायकों के पार्टी बदलने की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक गोवा कांग्रेस के 7 से 10 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं और कभी भी पार्टी छोड़ने का ऐलान कर सकते हैं। विधानसभा सत्र शुरू होने से एक दिन पहले बुलाई गई कांग्रेस पार्टी की मीटिंग से कई विधायक नदारद थे। सूत्रों के मुताबिक रविवार को गोवा कांग्रेस के तीन विधायक, विधानसभा सत्र से एक दिन पहले पार्टी की बैठक में शामिल नहीं हुए। इस बात की चर्चा जोरों पर है कि बैठक से नदारद रहे सभी विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं। वैसे, गोवा कांग्रेस ने ऐसी किसी संभावना को खारिज करते हुए इसे अफवाह बताया है। वहीं कॉन्ग्रेस में फूट कूी खबरों के बीत गोवा विधानसभा के स्पीकर ने डिप्टी स्पीकर को चुने जाने का नोटिफिकेशन रद्द कर दिया है।
जिन विधायकों ने बागी तेवर अपनाए हैं, उनमें पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत, मौजूदा विपक्ष के नेता माइकल लोबो, उनकी पत्नी देलिला लोबो, केदार नाइक और राजेश फलदेसाई शामिल हैं। शनिवार को कांग्रेस विधायकों की बैठक में दिगंबर कामत शामिल नहीं हुए थे। ये कांग्रेस की ओर से साल 2022 में गोवा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मुख्यमंत्री उम्मीदवार थे। बताया जा रहा है कि नेता विपक्ष नहीं बनाये जाने को लेकर नाराज हैं। इसी तरह बीजेपी से कांग्रेस में आये माइकल लोबो के बारे में भी कहा जा रहा है कि वो लगातार बीजेपी के संपर्क में हैं। वैसे लोबो ने इन अटकलों को अफवाह बताते हुए कहा कि यह जो बैठक अब की गई है, एक सप्ताह पहले ही की जानी थी, लेकिन कुछ विधायक समय पर गोवा नहीं पहुंच पाए।
क्या है दलीय स्थिति?
मौजूदा समय में गोवा की 40 सीटों वाली विधानसभा में सत्ताधारी एनडीए के 25 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के 11 विधायक हैं। अगर कांग्रेस के 7 से 10 विधायकों ने पार्टी छोड़ दी, तो उनके हाथ से नेता विपक्ष का पद भी चला जाएगा। आपको बता दें कि गोवा विधानसभा चुनाव से पहले सभी प्रत्याशियों ने राहुल गांधी के सामने एक एफिडेविट पर साइन किया था, जिसमें उन्होंने इस बात पर सहमति जताई थी कि वे भाजपा में शामिल नहीं होंगे। इसके अलावा उन्होंने मंदिर, होली क्रॉस श्राइन और मस्जिद में भी इसी तरह की शपथ ली थी।
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