महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने विधानसभा में बहुमत हासिल कर लिया है। सत्ता पक्ष के समर्थन में 164 विधायकों ने वोट किया। वहीं विपक्ष में 99 वोट पड़े। 3 सदस्य तटस्थ रहे। 22 सदस्य गैर-मौजूद रहे। आज शिवसेना का एक और विधायक सत्ता पक्ष की ओर आ गया। रविवार को स्पीकर के चयन के समय शिंदे गुट को 164 वोट मिले थे। आज भी 164 मिले। आज स्पीकर राहुल नार्वेकर का वोट शामिल नहीं रहा। इससे पहले भाजपा की ओर से प्रस्ताव रखा गया, जिस पर विपक्ष ने वोटिंग की मांग की। जैसे ही सत्ता पक्ष के विधायकों की गिनती 144 पहुंची, साफ हो गया कि शिंदे महाराष्ट्र के मुख्मयंत्री बने रहेंगे। इस बीच, उद्धव ठाकरे को एक और झटका लगा है। अब तक उद्धव के साथ रहे शिवसेना विधायक संतोष बांगर भी शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं। विधानसभा में उन्होंने सरकार के पक्ष में वोट किया। महाविकास आघाड़ी के 8 विधायक देरी से पहुंचने के कारण वोट नहीं कर सके। इनमें 7 विधायक कांग्रेस के रहे।
शहरों के नाम बदलने वाला फैसला कायम रहेगाउद्धव ठाकरे ने अपनी आखिरी कैबिनेट में शहरों के नाम बदलने का बड़ा फैसला लिया था। फ्लोर टेस्ट के बाद डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि उनकी सरकार इस फैसले को कायम रखेगी। उन्होंने सदन को संबोधित करते हुए कहा, पिछली कैबिनेट में नाम बदलने के बारे में जो भी फैसले लिए गए थे, हम उन फैसलों को बरकरार रखेंगे क्योंकि हम भी यही विचार रखते हैं। हमें उन फैसलों की फिर से पुष्टि करनी होगी क्योंकि पिछली कैबिनेट नियमों के अनुसार नहीं थी क्योंकि राज्यपाल ने पहले ही सरकार से फ्लोर टेस्ट का सामना करने के लिए कहा था।
रविवार को सत्र के पहले दिन जो कुछ हुआ, उसके बाद यह मुश्किल नहीं लग रहा था। स्पीकर के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को 164 वोट मिलने से साफ हो गया था कि सरकार के पास बहुमत के लिए जरूरी विधायकों से 20 वोट अधिक है। कल ही उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि पार्टी के दो विधायक स्वास्थ्य समस्याओं के कारण सदन में नहीं आ सके। विश्वास मत में हम 166 मतों के साथ बहुमत साबित करेंगे।
कई नेता देर से पहुंचे, नहीं ले सके हिस्सा
अशोक चव्हाण समेत कांग्रेस के कई बड़े नेता वोटिंग में हिस्सा नहीं ले सके। वे विधानसभा देरी से पहुंचे और तब तक दरवाजे बंद कर दिए गए थे। कुल मिलाकर महाविकास आघाड़ी के 8 विधायक वोटिंग में हिस्सा नहीं ले सके। इनमें कांग्रेस के 7 और एक एनसीपी के विधायक हैं। विधासनभा में कांग्रेस के कुल 44 विधायक हैं।
कुल 22 विधायक अनुपस्थित रहे। इसमें कांग्रेस के 10 विधायक- जितेश अंतापुरकर, जीशान सिद्दीकी, प्रणति शिंदे, अशोक चव्हाण, विजय वडेट्टीवार, धीरज देशमुख, कुणाल पाटिल, राजू आवाले, मोहनराव हम्बर्दे और शिरीष चौधरी शामिल हैं।
उद्धव गुट के 16 विधायकों पर लटकी तलवार
इस बीच, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के मुख्य सचेतक भरत गोगावाले ने विधानसभा अध्यक्ष को व्हिप के उल्लंघन के आरोप में पार्टी के 16 विधायकों को निलंबित करने की याचिका दी है। 16 विधायकों को निलंबन के लिए नोटिस जारी किया जाएगा। अध्यक्ष कार्यालय ने इसकी पुष्टि करता है।
उद्धव गुट को झटका, असमंजस में विधायक
इससे पहले उद्धव ठाकरे धड़े को झटका देते हुए नए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने रविवार रात अजय चौधरी को शिवसेना विधायक दल के नेता पद से हटा दिया। उन्होंने एकनाथ शिंदे को फिर से शिवसेना विधायक दल के नेता के तौर पर मान्यता दी है। उद्धव खेमे के सुनील प्रभु को हटाकर शिंदे गुट के भरत गोगावले को मुख्य सचेतक बनाया गया है। अब भरत गोगावले ने शिवसेना विधायकों के लिए व्हिप जारी किया है और शिंदे सरकार के समर्थन में वोट देने को कहा है। अब जो विधायक इस व्हिप का उल्लंघन करेंगे, उन पर अयोग्यता की तलवार लटक जाएगी। यही कारण है कि फ्लोर टेस्ट से पहले उद्धव समर्थक 16 विधायक असमंसज में हैं।
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