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सागर में पर्ची डालकर आया परिणाम

  मध्य प्रदेश में तीन चरणों में कराए गए ग्राम, जनपद और जिला पंचायत के चुनाव के गुरुवार को पंच, सरपंच और जनपद सदस्य के परिणाम घोषित कर दिए। विकासखंड मुख्यालयों पर रिटर्निंग आफिसर ने परिणामों की घोषणा करके निर्वाचन प्रमाण पत्र जारी किए। जिला पंचायत सदस्य पद के लिए विकासखंड स्तर पर मतगणना हो चुकी है।


इसके परिणाम शुक्रवार को घोषित किए जाएंगे। सरपंच, जनपद और जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में कई नेताओं के रिश्तेदार जीते तो कुछ को हार का भी सामना करना पड़ा। शमशाबाद से विधायक राजश्री सिंह की बेटी जिला पंचायत का चुनाव हार गई हैं तो धार से सांसद छतरसिंह दरबार की पत्नी और बहू चुनाव जीत गई हैं। वहीं, सागर में ग्राम पंचायत सिंगारचोरी के सरपंच पद का निर्णय पर्ची निकालकर किया गया।

तीन चरणों में दो लाख 33 हजार 620 पंच, 712 सरपंच और 157 जनपद सदस्य निर्विरोध चुने गए थे। 97 सरपंच और 58 हजार 288 पंच पदों के लिए नामांकन पत्र ही दाखिल नहीं हुए। 71 हजार 445 पंच, 22 हजार 115 सरपंच, छह हजार 614 जनपद सदस्य पद के लिए चुनाव कराए गए थे। इनके परिणाम देर शाम तक विकासखंड मुख्यालय पर घोषित कर दिए गए।

सागर में ग्राम पंचायत सिंगारचोरी में सरपंच पद के लिए अजय लंबरदार और बलवान सिंह राजपूत को 416-416 मत मिले थे। इसके बाद पर्ची निकालकर निर्णय हुआ। इसमें बलवान सिंह राजपूत विजयी घोषित हुए। उधर, राजगढ़ में कांग्रेस के पूर्व विधायक कृष्णमोहन मालवीय की पत्नी चुनाव हार गईं।

पूर्व विधायक डा.रामप्रसाद दांगी की पुत्रवधू शीतल दांगी वार्ड चार से चुनाव जीतीं। छिंदवाड़ा में पूर्व विधायक दीपक सक्सेना के बेटे जय सक्सेना रोहना से सरपंच निर्वाचित हुए। पूर्व विधायक चंद्रभान सिंह की बहू कविता चौधरी मालनवाड़ा से सरपंच चुनी गईं।

पूर्व गृह राज्यमंत्री जगदीश मुवेल के पुत्र अजय राज जनपद पंचायत का चुनाव हार गए। खंडवा के खालवा क्षेत्र क्रमांक 14 से वन मंत्री विजय शाह के पुत्र दिव्यादित्य शाह 29 हजार मतों से चुनाव जीते हैं। पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने दावा किया है कि कई जिला पंचायत में पार्टी समर्थक प्रत्याशी सदस्य का चुनाव जीते हैं।

भोपाल, जबलपुर, रीवा, छिंदवाड़ा सहित अन्य जिलों में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी अधिक जीते हैं। जबकि नर्मदापुरम, गुना, सागर, रतलाम, इंदौर, ग्वालियर सहित अन्य जिलों में भाजपा समर्थित प्रत्याशी अधिक जीते हैं। यहां जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा का बनना तय है।

जनपद और जिला पंचायत अध्यक्ष पद की जोड़ तोड़ शुरू

पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भाजपा और कांग्रेस के नेता जनपद और जिला पंचायत अध्यक्ष पद की जोड़-तोड़ में लग गए हैं। गैर दलीय आधार पर होने वाले इस चुनाव में राजनीतिक दलों का पूरी दखल रहता है। भाजपा ने मंत्री, सांसद और विधायकों को पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के निर्वाचन की जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं, कांग्रेस ने विधायक और जिला प्रभारियों को अध्यक्ष के चुनाव का दायित्व सौंपा है।

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