....

बागी विधायक एकनाथ शिंदे का सीएम ठाकरे को जवाब, 'गठबंधन से बाहर निकलें, तभी बचेगी शिवसेना'

  इस बार उद्धव ठाकरे सरकार पर गंभीर संकट दिख रहा है। उद्धव ठाकरे की ओर से जनता के संबोधन के बाद पार्टी के बागी विधायक एकनाथ शिंदे का बयान सामने सामने आया है। शिंदे ने कहा है कि पार्टी के अस्तित्व के लिए अप्राकृतिक गठबंधन से बाहर निकलना जरूरी है। शिंदे ने साफ शब्दों में कहा कि एमवीए सरकार में घटक दलों को फायदा पहुंचाया गया है।


एकनाथ शिंदे ने अपने गुट को असली शिवसेना करार दिया है। शिवसेना के बागी गुट एकनाथ शिंदे खेमे ने महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर को 34 विधायकों के साइन वाली चिट्ठी भेजी है, जिसमें उन्होंने एकनाथ शिंदे को अपना नेता चुने जाने की बात कही है। इसमें तीस विधायक शिवसेना के हैं और चार निर्दलीय हैं। इसके साथ ही एकनाथ शिंदे ने चीफ व्हिप के तौर पर भरत गोगावले की नियुक्त की है और सीएम उद्धव ठाकरे के द्वारा नियुक्त किए गए सुनील प्रभु (Sunil Prabhu) को अवैध करार दिया है। शिंदे ने महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर को भेजी चिट्ठी में कहा कि सुनील प्रभु के द्वारा जो व्हिप जारी किया गया है वह कानूनी तौर पर अवैध है। शिंदे असली शिवसेना खुद को बता रहे हैं और उनके समर्थन में 34 शिवसेना विधायकों ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं।

इसके अलावा हमारी पार्टी के कैडर को राजनीतिक और व्यक्तिगत आधार पर विपक्षी वैचारिक दलों से जबरदस्त उत्पीड़न और संकट का सामना करना पड़ा, जो अब सरकार का हिस्सा हैं। शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के लिए, जो वैचारिक रूप से शिवसेना के विरोध में हैं। पिछले ढाई साल से हमारी पार्टी और उनके नेतृत्व ने महाराष्ट्र राज्य में सत्ता हासिल करने के लिए विपरीत विचारधाराओं के साथ तालमेल बिठाकर पार्टी सिद्धांतों से समझौता किया है। और इसे लेकर हमारे शिवसेना कैडर और पार्टी के कार्यकर्ताओं में भारी असंतोष है।

Share on Google Plus

click vishvas shukla

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment