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एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली

  शिवसेना के बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वैसे कुछ घंटों पहले देवेन्द्र फडणवीस ने कहा था कि वो सरकार में शामिल नहीं होंगे, लेकिन सरकार को पूरा सहयोग देंगे। लेकिन अब उन्होंने उपमुख्यमंत्री पद संभालने का फैसला किया है।

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ताजा बयान जारी कर कहा कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने तय किया है कि देवेंद्र फडणवीस को सरकार में आना चाहिए इसलिए उनसे व्यक्तिगत अनुरोध किया गया है। केंद्रीय नेतृत्व ने कहा है कि देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम के रूप में कार्यभार संभालें।


इस बारे में गृहमंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट किया है। इसमें अमित शाह ने लिखा है कि जेपी नड्डा जी के कहने पर देवेन्द्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के हित में सरकार में शामिल होना स्वीकार कर लिया है। इससे पहले राज्यपाल से मुलाकात के बाद देवेन्द्र फडणवीस ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि आज शाम 7.30 बजे एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और बीजेपी उन्हें पूरा समर्थन देगी। फडणवीस ने कहा कि वो सरकार में शामिल नहीं होंगे और नये लोगों को मौका दिया जाएगा। राज्यपाल से मुलाकात के बाद देवेन्द्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे ने संयुक्त रुप से प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और इस बात का ऐलान किया।

गुरुवार की दोपहर देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने राज्य में सरकार गठन का दावा पेश किया। भाजपा के पास कुल 106 विधायक हैं, जबकि एकनाथ शिंदे ने भी शिवसेना के बागियों और निर्दलीय विधायकों समेत कुल 49 सदस्यों के समर्थन का दावा किया है। इससे पहले एकनाथ शिंदे गोवा से मुंबई पहुंचे और फिर देवेन्द्र फडणवीस के घर पहुंचे। फिर दोनों एक साथ राज्यपाल से मिलने पहुंचे और सरकार बनाने का दावा पेश किया।

आज कांग्रेस के नेताओं और विधायकों ने उद्धव ठाकरे से उनके घर मातोश्री में मुलाकात की। कांग्रेस जहां एकजुटता दिखा रही है वहीं उसके नेता विरोध भी जता रही है। उद्धव के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के फैसले पर कांग्रेस के नेताओं ने ही सवाल उठाये हैं। पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा मीडिया चैनल से बातचीत में कहा कि इससे ऐसा लगता है जैसे उद्धव ठाकरे लड़ना नहीं चाहते हैं। इनके मुताबिक उद्धव ठाकरे को विधानसभा में आना चाहिए था और अपनी बात रखते हुए इस्तीफा देना चाहिए था। औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहरों ने नाम बदलने को लेकर भी कांग्रेस में नाराजगी है।


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