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पीएम मोदी ने 44वें शतरंज ओलंपियाड के मशाल रिले का किया शुभारंभ

  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदिरा गांधी स्टेडियम में 44वें शतरंज ओलंपियाड के मशाल रिले का शुभारंभ किया। रंंगारंग कार्यक्रम के बीच फिडे के अध्यक्ष अर्कडी ड्वोरकोविच ने मशाल को प्रधानमंत्री को सौंपी, जिसे प्रधानमंत्री ने ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद को दिया। इस मौके पर पीएम मोदी के साथ खेलमंत्री अनुराग ठाकुर भी उपस्थित थे। आपको बता दें कि चेस ओलंपियाड का आयोजन पहली बार भारत में होने जा रहा है। साथ ही इस साल पहली बार अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (FIDE) ने शतरंज ओलंपियाड की मशाल रिले की शुरुआत की है। ये ओलंपिक खेलों का हिस्सा रहा है, लेकिन शतरंज ओलंपियाड में अब तक ऐसा कभी नहीं किया गया था।


पीएम मोदी के संबोधन की अहम बातें

इस मौके पर पीएम मोदी ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया और इस बात की खुशी जताई कि शतरंज अपने जन्म स्थान भारत से निकलकर आज समूचे विश्व में अपनी छाप छोड़ रहा है।

  • आज शतरंज ओलंपियाड खेल के लिए पहली टॉर्च रिले भारत से शुरू हो रही है। इस साल पहली बार भारत इस खेल को होस्ट भी करने जा रहा है। हमें गर्व है कि एक खेल अपने जन्मस्थान से निकलकर पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ रहा है।
  • FIDE ने ये भी तय किया है कि प्रत्येक शतरंज ओलंपियाड खेल के लिए टॉर्च रिले भारत से ही शुरू हुआ करेगी। ये सम्मान न केवल भारत का सम्मान है, बल्कि शतरंज की इस गौरवशाली विरासत का भी सम्मान है। मैं इसके लिए FIDE और इसके सभी सदस्यों का अभिनंदन करता हूँ।
  • भारत से सदियों पहले चतुरंग के रूप में इस स्पोर्ट्स की मशाल पूरी दुनिया में गई थी। आज शतरंज की पहली ओलंपियाड मशाल भी भारत से निकल रही है।
  • आज जब भारत अपनी आजादी के 75वें वर्ष का पर्व, अमृत महोत्सव मना रहा है, तो ये चेस ओलंपियाड मशाल भी देश के 75 शहरों में जाएगी।
  • हमारे देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। देश के युवाओं में साहस, समर्पण और सामर्थ्य की कमी नहीं है। पहले हमारे इन युवाओं को सही प्लेटफ़ार्म के लिए इंतज़ार करना पड़ता था। आज ‘खेलो इंडिया’ अभियान के तहत देश इन प्रतिभाओं को खुद तलाश भी रहा है और तराश भी रहा है।
  • चेसबोर्ड की यही खासियत हमें जीवन का बड़ा संदेश देती है। सही सपोर्ट और सही माहौल दिया जाए तो कमजोर से कमजोर के लिए भी कोई लक्ष्य असंभव नहीं होता।
  • जैसे शतरंज के हर मोहरे की अपनी यूनिक ताकत होती है, उसकी यूनिक क्षमता होती है। अगर आपने एक मोहरे को लेकर सही चाल चल दी, उसकी ताकत का सही इस्तेमाल कर लिया तो वह सबसे शक्तिशाली बन जाता है।

30 सालों बाद एशिया में होगा चेस ओलंपियाड

44वां शतरंज ओलंपियाड 28 जुलाई से लेकर 10 अगस्त 2022 के दौरान महाबलीपुरम में आयोजित किया जाएगा। 1927 से आयोजित की जा रही इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता का आयोजन पहली बार भारत में और 30 साल बाद एशिया में किया जा रहा है। इस मशाल को आयोजन स्थल महाबलीपुरम पहुंचने से पहले 40 दिनों की अवधि के दौरान देश के 75 शहरों में ले जाया जाएगा। इस ओलंपियाड में लगभग 190 देशों के 2000 खिलाड़ी एक ही छत के नीचे खेलते हुए नजर आएंगे।

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