महाराष्ट्र का राजनीतिक संकट धीरे-धीरे जोर पकड़ता जा रहा है। राज्य़पाल भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे की महा विकास अघाड़ी सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा है। इसके लिए 30 जून को विशेष सत्र बुलाने के लिए कहा है। इससे पहले मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल से मुलाकात की और एक पत्र सौंपा। इसमें फौरन विधानसभा का सत्र बुलाने और फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की। इसके अलावा 8 विधायकों ने भी राज्यपाल को एक ई-मेल भेजा है, जिसमें फौरन फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की गई है।
बीजेपी ने शुरु की तैयारी
बीजेपी ने तय कर लिया है कि अब महाराष्ट्र के सियासी संकट में चुपचाप तमाशा देखने का वक्त खत्म हो चुका है। आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए पूर्व सीएम और नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस दिल्ली पहुंचे और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर उनसे मुलाकात की। माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने की संभावनाओं और विभागों के बंटवारे के फॉर्मूले पर विचार-विमर्श हुआ। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शिंदे गुट को एक डिप्टी सीएम और 5-6 मंत्री पदों का ऑफर दिया गया है।
बागी नेताओं से भावुक अपील
उद्धव ठाकरे ने कैबिनेट की बैठक के पहले एनसीपी चीफ शरद पवार से बात की। फिर कैबिनेट की बैठक में विधायकों से चर्चा के बाद उन्होंने इस्तीफा नहीं देने का फैसला लिया है। माना जा रहा है कि विधायकों के समर्थन से उत्साहित उद्धव ठाकरे अब विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने के लिए भी तैयार हैं। वैसे, मीडिया सूत्रों के मुताबिक उद्धव ठाकरे के साथ अब मुश्किल से 15 विधायक रह गये हैं।
इस बीच प्रदेश में उठे सियासी तूफान के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर बागी विधायकों से भावुक अपील की है। उन्होंने कहा कि अभी भी देर नहीं हुई है, इसलिए वे वापस आ जाएं और मिल-बैठकर बात करें। उधर करीब 40 बागी विधायक 22 जून से गुवाहाटी के होटल में हैं और खुद को असली शिवसेना बता रहे हैं। तमाम धमकियों और अपील के बावजूद इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
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