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सपा विधायक व पूर्व मंत्री आजम खान को हाईकोर्ट से मिली अंतरिम जमानत लेकिन जेल से नहीं निकल पाएंगे

  समाजवादी पार्टी के विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को शत्रु संपत्ति के एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। हालांकि वह उत्तर प्रदेश के सीतापुर की जेल से बाहर नहीं निकल सकेंगे। कोर्ट ने एक लाख रुपए मुचलके व दो प्रतिभूति पर जमानत दे दे दी है। कोर्ट ने आजम खान से शत्रु संपत्ति को पैरा मिलिट्री फोर्स को सौंपने का आदेश दिया है। आज़म खान वर्तमान में रामपुर में उनके खिलाफ दर्ज भूमि हड़पने सहित कई मामलों के सिलसिले में बंद है।


हाल ही में एक पुराने मामले में शिकायत के बाद पुलिस ने सपा नेता के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट के आधार पर वारंट सीतापुर भेज दिया गया है। अदालत ने पिछले सप्ताह मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय परियोजना के लिए शत्रु संपत्ति हड़पने के मामले में आजम खान की जमानत अर्जी पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जमीन हड़पने के एक मामले में विधायक की जमानत अर्जी पर सुनवाई में देरी पर नाराजगी जताई थी। विधायक आजम खां को 89 में से 88 आपराधिक मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी है। इसी दौरान राज्य सरकार ने एक दर्जन मामलो में जमानत निरस्त करने की अर्जी दाखिल की है। जो इलाहाबाद हाईकोर्ट में विचाराधीन है। आजम खां जमानत पर रिहा हों, इससे पहले ही एक और नई एफआइआर भी दर्ज की गई है।

जनता के करोड़ों रुपये में हेराफेरी का मामला

खान और अन्य के खिलाफ कथित तौर पर दुश्मन की संपत्ति हड़पने और जनता के करोड़ों रुपये में हेराफेरी करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। प्राथमिकी में यह भी आरोप लगाया गया था कि विभाजन के दौरान एक इमामुद्दीन कुरैशी पाकिस्तान चला गया और उसकी जमीन को दुश्मन की संपत्ति के रूप में दर्ज किया गया। हालांकि, खान ने अन्य लोगों की मिलीभगत से 13.842 हेक्टेयर के भूखंड को हथिया लिया। मालूम हो कि शत्रु संपत्ति अधिनियम 1971 और 1965 के युद्धों के बाद पाकिस्तानी और चीनी नागरिकता लेने वाले लोगों द्वारा भारत में छोड़ी गई संपत्तियों से संबंधित है।

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