भोपाल : उदयपुर के चिंतन शिविर में हुए निर्णय का पालन अब प्रदेश कांग्रेस में स्वेच्छा से करवाया जा रहा है। इस क्रम में नाथ के बाद एक और पदाधिकारी द्वारा अपना एक पद छोड़ने के बाद अब ऐसे नेताओं पर नैतिक दबाव बन गया है जिनके पास पीसीसी में एक से ज्यादा पद हैं। ऐसे कुछ और पदाधिकारी जल्द ही अपना एक पद स्वेच्छा से छोड़ सकते हैं।
इन पर अब होगा दबाव
कई पदाधिकारियों पर अब अपना पद छोड़ने का नैतिक दबाव बनाने की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की रणनीति दिखाई दे रही है। चिंतन शिविर से पहले उन्होंने नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़कर एक पद ही अपने पास रखा। इसके बाद शुक्रवार को अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी ने एक पद छोड़ा, वे प्रदेश कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष बने रहेंगे। इन दो नेताओं के पद छोड़ने के बाद अब विधायक एवं पूर्व मंत्री जीतू पटवारी,बाला बच्चन,महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष विभा पटेल, जेपी धनोपिया जैसे नेताओं पर भी एक पद छोड़ने का दबाव बन गया है। इनके अलावा भी कांग्रेस में कई नेता हैं जो दो-दो पदों की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। पटवारी और बच्चन प्रदेश कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष भी हैं। पटवारी मीडिया विभाग के अध्यक्ष हैं, बच्चन बाल कांग्रेस के प्रभारी है। विभा पटेल प्रवक्ता हैं और जेपी धनोपिया प्रवक्ता के साथ ही अन्य पदों पर भी हैं।
14 साल से थे पद पर
सुरेंद्र चौधरी अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष पिछले 14 सालों से थे। वे 2008 में अध्यक्ष बनाए गए थे। इस दौरान वे विधानसभा चुनाव भी लड़े। करीब चार साल पहले उन्हें प्रदेश कांग्रेस का कार्यवाहक अध्यक्ष भी बनाया गया।
विधायक दल की बैठक आज शाम को
इधर कांग्रेस विधायक दल की बैठक आज शाम को होने जा रही है। डॉ. गोविंद सिंह के नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद कांग्रेस विधायक दल की पहली बैठक है। इस बैठक में पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों की रणनीति बनाई जाएगी। इसके साथ ही सिवनी सहित अन्य जिलों में हुई हिंसक घटनाओं को लेकर कांग्रेस विधायकों की सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा की जाएगी।
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