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सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग अतिक्रमण पर याचिकाकर्ता को लगाई फटकार

 नई दिल्ली - देश में जगह-जगह हुई साम्प्रदायिक हिंसा के बाद अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई चल रही है। हनुमान जयंती पर दिल्ली में जहांगीरपुरी में हुई हिंसा (Jahangirpuri violence) के बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू हुई थी। अब म्यूनिसिपल कार्पोरेशन ऑफ दिल्ली(MCD) का बुलडोजर नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 (CAA)  और नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर(National Register of Citizens-NRC) के खिलाफ हुए आंदोलन के कारण चर्चाओं में आए शाहीन बाग तक पहुंच गया है। यह कार्रवाई अगले 5 दिनों तक चलेगी। हालांकि इसका विरोध भी हो रहा है। पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके लिए MCD पहले ही नोटिस भेज चुकी थी। इस बीच MCD सेंट्रल जोन के चेयरमैन राजपाल सिंह ने बताया कि नोटिस के बाद 70 फीसदी इलाकों में लोगों ने खुद अतिक्रमण हटा लिए हैं। लोगों के विरोध के चलते दोपहर करीब 12.30 बजे MCD का बुलडोजर शाहीन बाग से लौट गया। अफसरों ने कहा कि फिलहाल अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई रोकी गई है। भाजपा ने कांग्रेस और आप पर अतिक्रमण विरोधी मुहिम का साम्प्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया है। वहीं,  MCD ने मुहिम के खिलाफ शाहीन बाग पहुंचे ओखला के आप विधायक अमानतुल्ला खान पर खुद अतिक्रमण करने का आरोप लगाया है।


सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की
साउथ दिल्ली में अतिक्रमण हटाने के लिए चलाए जा रहे अभियान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका खारिज की दी गई है। यह  याचिका भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी मार्क्सवादी(CPIM) ने दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए कह कि इस मामले में पीड़ितों को कोर्ट में आना चाहिए, राजनीति दल क्यों आ रहे हैं? सीनियर वकील पी सुरेंद्रनाथ ने तर्क दिया कि एक याचिका रेहड़ीवालों की एसोसिएशन की तरफ से भी लगाई गई है। इस पर जस्टिस राव ने कहा कि उन्हें हाईकोर्ट में जाना चाहिए था। अगर रेहड़ी वाले भी नियम तोड़ रहे हैं, तो उन्हें भी हटाया जाएगा। जस्टिस एल नागेश्वर राव और बी आर गवई की बेंच ने कहा कि जहांगीरपुरी मामले में इसलिए दखल दिया गया, क्योंकि वहां परिस्थितियां अलग थीं। कोर्ट ने उदारता दिखाई इसका यह मतलब नहीं कि हर किसी को सुनते रहें, भले निर्माण अवैध ही क्यों न हो? जिसे याचिका दाखिल करनी है, वह पहले दिल्ली हाई कोर्ट जाए।


कांग्रेसियों ने किया हंगामा
अतिक्रमण हटाने पहुंचे बुलडोजर को
 रोकने कांग्रेसियों ने हंगामा कर दिया। वे बुलडोजर के सामने आकर बैठ गए। उनका आरोप है कि यह कार्रवाई बीजेपी के इशारे पर हो रही है। हालांकि एसडीएमसी अधिकारी ने दो टूक कहा कि नगर पालिका अपना काम करेगा। वर्कर और अधिकारी तैयार हैं। तुगलकाबाद, संगम विहार, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी या शाहीन बाग में जहां भी अतिक्रमण है, उन्हें हटाया जाएगा। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई का विरोध करने पहुंचे आम आदमी पार्टी के नेता अमानतुल्लाह खान ने कहा कि एमसीडी बताए अतिक्रमण कहां है? इलाके में जो अतिक्रमण था, उसे पहले ही हटा दिया गया है।


अप्रैल में शाहीन बाग का सर्वे कराया गया था
दक्षिणी दिल्ली के शाहीन बाग सहित कई इलाकों में अप्रैल के आखिरी हफ्ते में मेयर मुकेश सूर्यन ने खुद अधिकारियों के साथ जाकर अवैध निर्माण का सर्वे कराया था। दिल्ली के कई इलाकों में अतिक्रमण हटाने के लिए तीनों नगर निगम(MCD) ने ब्लू प्रिंट तैयार किया है। पिछले दिनों दिल्ली के भाजपा प्रमुख आदेश गुप्ता ने दक्षिण और पूर्वी दिल्ली नगर निगम क्षेत्रों में रोहिंग्या, बांग्लादेशियों और विरोधी आसामाजिक तत्वों द्वारा इलाकों में अवैध कब्जे का आरोप लगाते हुए नगर निगमों को पत्र लिखा था। यह कार्रवाई इसी पत्र के बाद शुरू हुई है।  हालांकि इधर, दक्षिण दिल्ली में ओखला, शाहीन बाग में अवैध बस्तियों को हटाने के आदेश के खिलाफ भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (सीपीआई-एम) मार्क्सवादी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर रखी है।

अतिक्रमण हटाने को लेकर सख्ती में आया है निगम
साउथ दिल्ली म्यूनिसिपल कार्पोरेशन( South Delhi Municipal Corporation-SDMC) के मेयर मुकेश सुर्यान पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि शाहीन बाग, ओखला, तिलक नगर वेस्ट सहित कई वार्ड को चिह्नित किया गया है। मदनपुर खादर में भी अतिक्रमण है। सड़क पर जो भी अतिक्रमण है, उसे हटाया जाएगा। जिन जगहों पर अतिक्रमण करके बिल्डिंग खड़ी हुई हैं, वहां के लिए प्लान तैयार किया गया है। पिछले दिनों एसडीएमसी के सेंट्रल जोन के अस‍िस्‍टेंट कम‍िश्‍नर ने डीसीपी साउथ ईस्‍ट द‍िल्‍ली को पत्र ल‍िखकर कहा था कि 4  से 13 मई तक अत‍िक्रमण को हटाने की कार्रवाई की जाएगी। लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बनाए रखने के ल‍िए एमसीडी स्‍टॉफ को पर्याप्‍त पुल‍िस बल मांगा जा चुका है। सेंट्रल जोन के तहत शाहीन बाग के अलावा संगम व‍िहार, अमर कालोनी, न्‍यू फ्रेंडस कालोनी, लोधी कालोनी और काल‍िंदी कुंज के अलग-अलग इलाकों में अतिक्रमण चिह्रित किए गए हैं।

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