भोपाल । मध्य प्रदेश में वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सड़क निर्माण कराएगी। इसके लिए भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर सहित अन्य जिलों की दो हजार 480 किलोमीटर लंबाई की 709 सड़कें चि-त की हैं। इनका निर्माण लोक निर्माण विभाग करेगा। वहीं, 10 किलोमीटर से कम लंबाई की सड़कों के निर्माण के लिए नई योजना भी तैयार की जा रही है। इन्हें भी लोक निर्माण विभाग ही बनाएगा।
सत्तारूढ़ दल भाजपा के विधायकों ने सरकार से ग्रामीण क्षेत्रों में कम लंबाई की सड़कें प्राथमिकता के आधार पर बनाने की मांग की थी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने विधानसभा के बजट सत्र के पहले विधायकों से 15-15 करोड़ रुपये तक के कामों के जो प्रस्ताव मांगे थे, उसमें भी अधिकांश ने सड़क निर्माण के कार्य को ही प्राथमिकता दी थी। इसके आधार पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की जगह सरकार ने लोक निर्माण विभाग के बजट में एक हजार 985 करोड़ रुपये का प्रविधान कर दिया है।
अभी तक दस किलोमीटर से कम लंबाई की सड़क मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग बनाता आया है लेकिन इस बार व्यवस्था में परिवर्तन किया है। विभागीय मंत्री गोपाल भार्गव ने पिछले सप्ताह अधिकारियों के साथ बैठक में ग्रामीण सड़कों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं।
मंडी बोर्ड देता था 400 करोड़ रुपये
ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क निर्माण के लिए 2018 तक मंडी बोर्ड लगभग चार सौ करोड़ रुपये सालाना देता था। कमल नाथ सरकार ने यह व्यवस्था बंद कर दी थी। तब से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के दायरे में न आने वाले सड़कें नहीं बन पा रही थीं। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए हैं कि वो पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ बैठक करके नई योजना तैयार करें।
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