पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा सोमवार को जारी एक अधिसूचना के
अनुसार, इमरान खान एक कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति तक पाकिस्तान के
प्रधानमंत्री बने रहेंगे। अधिसूचना में कहा गया है कि मौजूदा प्रधानमंत्री
कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति तक पद पर बने रहेंगे। राष्ट्रपति ने
ट्विटर पर कहा, "इमरान अहमद खान नियाजी, इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान के
संविधान के अनुच्छेद 224 ए (4) के तहत कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति
तक प्रधानमंत्री के रूप में बने रहेंगे।"

पाकिस्तान के एआरवाई न्यूज के मुताबिक, इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने
कार्यवाहक पीएम पद के लिए राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को दो नाम भेजे हैं। ये
जानकारी मंत्री फवाद चौधरी ने दी। उन्होंने कहा कि अगर संयुक्त विपक्ष ने 7
दिनों के भीतर नामों को अंतिम रूप नहीं दिया, तो पीटीआई द्वारा सुझाए गए
नामों में से शीर्ष उम्मीदवार कार्यवाहक पीएम बन जाएगा।
राष्ट्रपति ने भंग की थी नेशनल असेंबली
इससे पहले, कैबिनेट सचिवालय ने एक अधिसूचना जारी कर कहा था कि खान
‘‘तत्काल प्रभाव से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद छोड़ते हैं।’’ हालांकि,
संविधान के अनुच्छेद 94 के तहत राष्ट्रपति ‘‘अपने उत्तराधिकारी के
प्रधानमंत्री का पदभार संभालने तक निवर्तमान प्रधानमंत्री को पद पर बने
रहने के लिए कह सकते हैं।’’ राष्ट्रपति अल्वी ने प्रधानमंत्री खान की सलाह
पर नेशनल असेंबली (एनए) को भंग कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
अब पाकिस्तान का उच्चतम न्यायालय प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ नेशनल
असेंबली में लाया गया अविश्वास प्रस्ताव खारिज किए जाने और खान की सिफारिश
पर सदन भंग करने को राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी दिए जाने के मामले पर सोमवार
को सुनवाई करेगा। इससे एक दिन पहले शीर्ष न्यायालय ने देश में मौजूदा
राजनीतिक हालात पर स्वत: संज्ञान लिया था।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने देश के प्रधानमंत्री इमरान
खान की सिफारिश पर नेशनल असेंबली (एनए) को भंग कर दिया है। इससे कुछ ही देर
पहले नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ
अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। खान ने संसद के निचले सदन, 342
सदस्यीय नेशनल असेंबली में प्रभावी तौर पर बहुमत खो दिया था।
देश के प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने पाकिस्तान की वर्तमान राजनीतिक
स्थिति पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा था कि नेशनल असेंबली को भंग करने के
संबंध में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति द्वारा शुरू किए गए सभी आदेश और कदम
अदालत के आदेश पर निर्भर होंगे। न्यायाधीश बंदियाल ने साथ ही इस
हाई-प्रोफाइल मामले की सुनवाई एक दिन के लिए स्थगित कर दी थी।
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