भोपाल : सिविल सर्विस डे पर गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संबोधन के दौरान बिजली गुल हो गई। हालांकि इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपना भाषण जारी रखा, लेकिन उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर मौजूद सभी आईएएस-आईपीएस और एसएएस अफसरों को खरी-खरी सुनाई और उन्हें यह भी बताया कि वे किस काम के लिए इस सर्विस में आए हैं। वे अपना काम पूर्ण ईमानदारी और निष्ठा के साथ करें तो वे अपनी सेवा के साथ न्याय करेंगे।
सिविल सर्विस डे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संबोधन के दौरान प्रशासन अकादमी की बिजली गुल हो गई और करीब दस मिनट तक बिजली गुल रही। इस दौरान सीएम चौहान ने प्रमुख सचिव संजय दुबे का नाम लेकर कहा कि संजय कहां हैं? बाद में उन्होंने अफसरों से पूछा कि क्या आप सुन पा रहे हैं? अफसरों ने हां में सिर हिलाया तो सीएम ने कहा कि हां में हां नहीं मिलाते रहना है। जब लाइट ही नहीं है तो कहां से सुन पा रहे होंगे। सीएम चौहान ने कहा कि आप अपने काम को खुद और कैसे बेहतर बना सकते हैं? यह तय करें, मैं खुद तय करता हूं कि कल मुझे क्या बेहतर करना है? नया करने की बेचैनी रहती है और वह सभी में होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा कि काम कैसे होगा, यह आपके दृष्टिकोण पर भी निर्भर करता है। इसके लिए उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तोड़ने वाले मजदूरों की कहानी सुनाई और कहा कि तीन मजदूरों ने अलग दृष्टिकोण बताए। पहले ने कहा कि यह हालत है कि पत्थर तोड़ने पड़ रहे हैं। दूसरे ने कहा कि पेट पालने के लिए ऐसा करना पड़ रहा है और तीसरे ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि मेरे तोड़े गए पत्थर भगवान के मंदिर में लगेंगे। यही दृष्टिकोण हमें आगे ले जाता है।
दुनिया धर्मशाला है, आज आए कल जाना है
सीएम ने कहा कि यह दुनिया धर्मशाला है। आज आए हैं तो कल जाना ही होगा लेकिन जाने से पहले ऐसा काम कर जाना है कि यादगार बन जाए। ऐसा काम करें कि आपके योगदान यादगार रहें। एक कलेक्टर पूरे जिले को बदल देता है और एसपी कानून व्यवस्था बदल देता है। आप अपने आपको तकनीकी और अन्य माध्यमों के जरिये क्षमतावान बनाएं और काम करें।
दुआएं देने वाली कहानियां सुनाईं
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि एक दिन वे राजधानी के निजी अस्पताल में पहुंचे तो वहां एक मरीज के माता पिता ने घेर लिया। माता ने कहा कि दो बेटे लीवर खराबी के कारण जान गवां चुके हैं और तीसरा भी मर जाएगा। मैंने अफसरों से बात की और लीवर ट्रांसप्लांट के लिए कहा। इसके बाद दूसरे दिन उसी मां का फोन आया, उसने इतनी दुआएं दी कि मन संतुष्ट हो गया। उन्होंने सिंगरौली के एक युवक द्वारा माला पहनाने का किस्सा भी सुनाया और कहा कि वह जिद पर अड़ा था कि माला पहनाऊंगा। मैं थोÞड़ा झुंझलाया और बाद में उससे वजह पूछी तो उसने कहा कि मेरे दोनों हाथ नहीं थे। आपने पिछली बार आकर हाथ लगवाने के लिए कहा था। यह हाथ लग गया है। उसकी दुआओं से भी मन संतुष्ट हो गया।
कोरोना पर व्यवस्था चाकचौबंद
सिविल सर्विस डे पर संबोधन के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कुछ लोग मुझसे प्रताड़ित रहते हैं कि सुबह फोन लगा दिया लेकिन मेरी हर काम बेहतर करने की इच्छा होती है। इसी कड़ी में कोरोना की फिर आमद की स्थिति को देख आज सुबह सुलेमान को चमका दिया। कोरोना को लेकर व्यवस्थाएं चाक चौबंद रखने के निर्देश दिए।
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