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NATO देशों की आपात बैठक

 रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को करीब एक माह हो चुका है और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की भी हथियार डालने के लिए तैयार नहीं हैं। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन नाटो की बैठक में शामिल होने के लिए ब्रसेल्स पहुंच चुके हैं। गौरतलब है कि कल नाटो देशों की एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। इस बीच रूस ने फेसबुक इंस्टाग्राम और ट्विटर के बाद अब गूगल न्यूज को ब्लॉक कर दिया है। गूगल न्यूज पर फेक खबरें फैलाने का आरोप लगाया गया है।


यूक्रेन को 2000 टैंक रोधी हथियार देगा जर्मनी

इस मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जर्मनी यूक्रेन को 2,000 और टैंक रोधी हथियार भेजेगा ताकि वह रूस के सैनिकों से मुकाबला कर सके। इसके अलावा ब्रिटेन यूक्रेन को करीब 6000 नई रक्षात्मक मिसाइल और 40 मिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता देगा।

फ्रांस ने 30 साल बाद परमाणु पनडुब्बियों को किया तैनात

वहीं रूसी हमले के खतरे के मद्देनजर नाटो सदस्य फ्रांस ने परमाणु बमों से लैस अपनी 3 पनडुब्बियों को 30 साल बाद समुद्र में तैनात कर दिया है। इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी यूक्रेन युद्ध को देखते हुए अपने परमाणु बल को अलर्ट किया था और नाटो देशों को चेतावनी दी थी।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बुधवार को रूस की ओर से लाया गया प्रस्ताव विफल हो गया। इस प्रस्ताव में यूक्रेन में बढ़ती मानवीय जरूरतों को स्वीकार किया गया था, लेकिन रूसी आक्रमण का उल्लेख नहीं किया गया था। रूस के इस प्रस्ताव पर भारत ने वोटिंग के दौरान हिस्सा नहीं लिया। रूस और चीन ने इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, वहीं भारत सहित 13 अन्य देशों ने इससे दूरी बनाकर रखी। इसके चलते मसौदा प्रस्ताव को स्वीकार नहीं क‍िया गया।

सुरक्षा परिषद में है 15 सदस्य राष्ट्र

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 15 सदस्य राष्ट्र है और सुरक्षा परिषद ने यूक्रेन के लिए मानवीय सहायता पर रूसी प्रस्ताव को पारित करने के लिए 15-सदस्यीय परिषद में न्यूनतम 9 "हां" वोटों की आवश्यकता थी और वीटो शक्ति वाले चार अन्य सदस्यों में से किसी की ओर से भी वीटो नहीं था। बुधवार को जब इस प्रस्ताव पर मतदान हुआ तो रूस को केवल चीन से समर्थन मिला, जबकि परिषद के 13 अन्य सदस्यों ने भाग नहीं लिया।

रूसी सैनिकों से मुकाबला कर रहा यूक्रेन

गौरतलब है कि यूक्रेन पर रूसी हमले के करीब 30 दिन पूरे हो चुके हैं और यूक्रेनी सैनिक रूसी आक्रमण का डटकर मुकाबला कर रहे हैं। यूक्रेन के अलग-अलग इलाकों में अनगिनत लाशें बिछी हैं। यूक्रेन की राजधानी कीव पर जीत के रूसी मंसूबे पूरे नहीं हो सके हैं। 24 फरवरी को रूस ने जब यूक्रेन पर हमला शुरू किया था तब इसे यूरोप में द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा था। ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि रूसी हमले के बाद यूक्रेन जल्द ही घुटने टेक देगा, लेकिन बुधवार को इस युद्ध को 4 सप्ताह पूरे हो गए।

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