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पार्टी फिर से एक्टिव होंगे पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव

 भोपाल । प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव अब पार्टी की मुख्यधारा में लौटेंगे। वे अप्रैल से जिलों का दौरा प्रारंभ करेंगे। इस दौरान पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर संगठन के विस्तार और वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बात करेंगे। यादव ने बुधवार को पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी।



कांग्रेस के सरकार में आने के बाद अरुण यादव सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं को उम्मीद थी कि उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी, पर ऐसा नहीं हुआ। हालांकि, उनके छोटे भाई सचिन यादव को कमल नाथ सरकार में मंत्री बनाया गया था। पार्टी के सत्ता से बाहर होने के बाद यादव की गतिविधियां निमाड़ क्षेत्र तक ही सीमित हो गई थीं। खंडवा संसदीय क्षेत्र के रिक्त होने पर वे उपचुनाव की तैयारी में जुट गए थे, लेकिन उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया गया।


टिकट को लेकर जारी खींचतान के बीच उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक से दिल्ली में मुलाकात की और चुनाव न लड़ने की घोषणा कर दी। इसे उनके और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ के बीच खींचतान से जोड़ा गया। उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी की पराजय के बाद खंडवा और बुरहानपुर के जिला अध्यक्षों को हटा दिया गया।

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त के बाद जब नेतृत्व पर सवाल उठने लगे तो यादव समर्थन में खड़े हुए। यादव को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से जुड़ा माना जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का भी उन्हें समर्थन प्राप्त है।

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