भारत सरकार युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए हरसंभव उपाय कर रही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बुधवार को सरकार के प्रयासों की जानकारी देते हुए बताया कि यूक्रेन पर रूसी हमला होने के बाद से अभी तक लगभग 17,000 भारतीयों ने यूक्रेन छोड़ दिया है। वहीं अब तक 15 उड़ानों में 3,352 लोग भारत लौट भी चुके हैं। अरिंदम बागची ने कहा कि भारतीय वायु सेना के विमान बुखारेस्ट (रोमानिया) से पहली सी-17 उड़ान के साथ ऑपरेशन गंगा में शामिल हो गए हैं। अरिंदम बागची ने बताया मंत्रालय ने कहा कि हम वहां फंसे नागरिकों को निकालने में सहायता के लिए पूर्वी यूक्रेन पहुंचने के विकल्प तलाश रहे हैं। हम देख रहे हैं कि क्या हमारी टीमें वहां पहुंच सकती हैं, यह आसान नहीं है क्योंकि रास्ता हर समय खुला नहीं रहता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि कीव स्थित दूतावास को भारतीयों द्वारा सीमा पार करने की सुविधा के लिए ल्वीव (Lviv) में एक अस्थायी कार्यालय स्थापित करने के लिए कहा गया था। इस उद्देश्य के लिए हमारी दूतावास टीम का एक बड़ा हिस्सा अब Lviv में है।भारतीय छात्रों की हरसंभव मदद
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि जिन लोगों ने अपना भारतीय पासपोर्ट खो दिया है, उन्हें आपातकालीन प्रमाणपत्र जारी करने के लिए एक क्रियाविधि स्थापित की गई है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि इससे कई भारतीय छात्रों को भी मदद मिलेगी।
यूक्रेन में एक और छात्र की मौत
विदेश मंत्रालय ने कि यूक्रेन में रहने वाले भारतीय नागरिक चंदन जिंदल का बुधवार को स्वाभाविक कारणों से निधन हो गया। वह पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में थे। उनका परिवार भी यूक्रेन में ही रहता है।
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