प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के काफिले के दौरान सुरक्षा में चूक को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि उन्हें इस घटना पर खेद है, लेकिन इसमें राज्य सरकार की ना तो कोई गलती है और ना ही कोई साजिश। उन्होंने कहा कि मुझे खुद भी बठिंडा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी करने जाना था, लेकिन जिन लोगों को मेरे साथ जाना था, वे कोरोना पॉजिटिव पाए गए, इसलिए मैं प्रधानमंत्री को रिसीव करने नहीं गया। उन्होंने कहा कि मुझे खेद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज फिरोजपुर ज़िले के दौरे के दौरान वापस लौटना पड़ा। हम अपने प्रधानमंत्री का सम्मान करते हैं। और ये भरोसा दिलाते हैं कि पीएम को किसी तरह का कोई खतरा नहीं था और ना ही सुरक्षा में कोई चूक हुई थी।
सीएम ने बताया कि हमने उनसे (पीएमओ) खराब मौसम की स्थिति और विरोध के कारण यात्रा बंद करने के लिए कहा था। हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले की अचानक मार्ग परिवर्तन करने की कोई सूचना नहीं थी। ऐसे में कुछ किसान अचानक आकर धरने पर बैठ गये, तो इसमें सुरक्षा में चूक का सवाल कहां पैदा होता है? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पर कोई हमला नहीं हुआ, ऐसी कोई सोच भी नहीं थी। पहले भी दिल्ली में किसान आंदोलन हुआ। उनकी कुछ मांग थी जो 1 साल बाद पूरी हुई। आज भी अगर कोई शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने रास्ते पर आ गया, तो इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा के साथ नहीं जोड़ना चाहिए। उन्होंने बीजेपी पर भी मामले को बेकार तूल देने और राजनीति करने का आरोप लगाया।
पीएम का काफिला सड़क के रास्ते से फिरोजपुर जा रहा था, लेकिन बीच रास्ते में कोटकपूरा पुल पर किसानों के प्रदर्शन की वजह से उनके काफिले को रोक दिया गया। 20 मिनट के इंतजार के बाद उनका काफिला बठिंडा वापिस लौट गया।
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