भोपाल : मध्यप्रदेश में समय से 7 दिन पहले जोरदार दस्तक देने वाले मानसून के कारण इस बार प्रदेश में कहीं बाढ़ के हालत बने हुए हैं, तो कहीं लोगों को बारिश का इंतजार है। गुना और श्योपुर में तो एक सप्ताह में दो माह जितनी बारिश हो गई। इस कारण कई जगह बाढ़ ने तबाही मचा दी है, लेकिन कई जगह पानी नहीं गिरने से लोग परेशान हैं।
राहत की बात इंदौर के लिए है कि वहां अब धीमी रफ्तार से ही सही मानसून पटरी पर लौटता दिख रहा है। अभी भी वहां बारिश का कोटा पूरा होने के लिए करीब 20% पानी की दरकार है। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार भोपाल की स्थिति सामान्य है, लेकिन जबलपुर में हालत चिंताजनक हो गए हैं। एक सप्ताह पहले तक प्रदेश के इंदौर, धार, खरगोन, बड़वानी, पन्ना, दमोह और बालाघाट रेड जोन में थे, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 10 हो गई है। इंदौर इससे बाहर आ गया है।
6 जिलों में सामान्य से ज्यादा पानी गिर चुका
प्रदेश में मानसून कहीं ज्यादा मेहरवान हो गया, तो कहीं लोग उसके आने के इंतजार में है। श्योपुर, शिवपुरी, अशोकनगर, गुना, राजगढ़ और सिंगरौली में सामान्य से 73% से लेकर 163% तक पानी ज्यादा गिर चुका है। यहां पर बीते एक सप्ताह में उतना पानी गिर चुका है, जितना एक जून से लेकर 31 जुलाई तक गिरा था। इसी कारण इन इलाकों में बाढ़ के हालत बन गए।
बढ़ सकती है सूख प्रभावित जिलों की संख्या
अभी की स्थिति में 10 जिलों में सामान्य से काफी कम बारिश हुई है। धार, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर, पन्ना, दमोह, कटनी, जबलपुर, सिवनी और बालाघाट में लोगों को अच्छी बारिश होने का इंतजार है। अगले कुछ दिन बारिश नहीं होती है, तो इंदौर, छिंदवाड़ा, झाबुआ, हरदा, होशंगाबाद और खंडवा भी रेड जोन में आ सकते हैं। यहां पर अभी तक सामान्य से 10 से लेकर 19% तक पानी कम गिरा है।
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