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सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार ISRO के वैज्ञानिक को फंसाने वाले केरल के अधिकारियों पर FIR दर्ज

 नई दिल्ली: इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन को फंसाने वाले पुलिस अधिकारियों पर मुकदमा चलेगा. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक जांच के बाद एफआईआर दर्ज कर ली है. सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल को इस मसले पर अपने पूर्व जज जस्टिस डी के जैन की कमिटी की रिपोर्ट सीबीआई को सौंपी थी. रिपोर्ट पर विचार कर आगे की कार्रवाई के लिए कहा था.



क्या है मामला? 
स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन बनाने में लगे नंबी नारायणन को 1994 में केरल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. उन पर तकनीक विदेशियों को बेचने का आरोप लगाया गया. बाद में CBI जांच में पूरा मामला झूठा निकला. 1998 में खुद के बेदाग साबित होने के बाद नारायणन ने उन्हें फंसाने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए लंबी लड़ाई लड़ी. इस मामले को सुनते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में उन्हें 50 लाख रुपए का मुआवजा देेने का आदेश दिया. साथ ही, उन्हें जासूसी के झूठे आरोप में फंसाने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही पर विचार के लिए पूर्व जज जस्टिस डी के जैन को नियुक्त किया.

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