इंदौर: देवी अहिल्याबाई होल्कर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट इन्दौर में सुविधाओं के विस्तार के लिये जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखा है। मंत्री सिलावट ने कहा है कि देवी अहिल्याबाई होल्कर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट में यात्रियों की सुविधाओं के लिए आवश्यताओं की पूर्ति किया जाना आवश्यक है।
मंत्री सिलावट ने अनुरोध किया है कि बोईंग बी-777 एवं बोईंग बी-747 आदि बड़े एयर क्राफ्ट के लिए चार हजार मीटर तक के रनवे की लम्बाई के विस्तारीकरण के साथ-साथ पार्किंग का निर्माण किया जाना है। उक्त सुविधा इन्दौर एयरपोर्ट पर उपलब्ध होने से इन्दौर में विदेशी यात्रियों का आवागमन/संचालन किया जा सकेगा। इन्दौर मध्यप्रदेश का पहला अधिसूचित विमानतल है, जिसके भविष्य के विकास के लिए उक्त कार्य किये जाने आवश्यक है। एयरस्ट्रिप को चार हजार मीटर तक बढ़ाने के लिए भूमि आवंटन / अधिग्रहण की कार्यवाही प्रशासन द्वारा शुरू कर दी गयी है।
नवीन टर्मिनल भवन की मांग
नवीन टर्मिनल भवन, कन्ट्रोल टॉवर एवं नवीन फायर स्टेशन का निर्माण किया जाना है। नवीन टर्मिनल भवन, वर्तमान कार्यरत टर्मिनल भवन से लगकर पार्किंग स्थल पर जल्दी बनाया जाना आवश्यक है। क्योंकि वर्तमान टर्मिनल भवन वर्ष में 40 लाख यात्रियों की क्षमता का है तथा इंदौर में 32 लाख यात्री का ट्रैफिक एक वर्ष में हो चुका है। इस हेतु बगल में 20. 48 एकड़ भूमि राज्य शासन द्वारा आवंटित की जा चुकी है।
मल्टीलेबल कार पार्किंग का हो निर्माण
मेट्रो स्टेशन के साथ 20.48 एकड़ भूमि के विकास में मल्टीलेवल कार पार्किंग एवं दो प्रवेश एवं दो निकासी द्वार के निर्माण को मंत्री श्री सिलावट ने आवश्यक बताया है। पुराने टर्मिनल भवन में एक व्ही.आई. पी. टर्मिनल बनाने का अनुरोध राज्य शासन की ओर से एयरपोर्ट अथॉरिटी में लम्बित है। इससे इंदौर एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री जी एवं अन्य व्ही.आई.पी. के आने/ जाने की व्यवस्था मुख्य टर्मिनल से पृथक से सुव्यवस्थित हो सकेगी। इसी पुराने टर्मिनल के आधे भाग पर कार्गो टर्मिनल को बढ़ाये जाने पर भी कार्य किया जाना है।
अंतर्राष्ट्रीय लॉजिस्टिक हब बने
एयरपोर्ट से 25 किलोमीटर दूर धार रोड पर उद्योग विभाग का राज्य औद्योगिक विकास निगम ने लगभग 150 एकड भूमि अंतर्राष्ट्रीय लॉजिस्टिक हब के लिए रिजर्व की है, जहाँ ये विकसित होना है। इसके विकास के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय भारत सरकार से आवश्यक सहयोग लिया जाना है। पीथमपुर के पास होने से अगर ये विकसित होता है तो एयरकार्गों के माध्यम से मालवा क्षेत्र में उत्पादों के मार्केटिंग में नया आयाम स्थापित होगा।
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