भोपाल. खंडवा लोकसभा सीट से कांग्रेस की ओर से दावेदारी कर रहे पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव (Arun Yadav) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पहले कमलनाथ खेमा और अब दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) खेमे ने चुनाव लड़ने की उनकी राह को कठिन बना दिया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ (Kamalnath) के निवास पर गुरुवार को खंडवा लोकसभा उपचुनाव के लिए बनाए गए प्रभारियों की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में दिग्विजय सिंह खेमे की भीकनगांव विधायक झूमा सोलंकी ने खंडवा लोकसभा चुनाव में आदिवासी को टिकट देने की मांग उठाई।
इतना ही नहीं सोलंकी ने इसके लिए बैठक में सीट को लेकर किया गया अपना रिसर्च वर्क भी प्रस्तुत किया।
खंडवा लोकसभा में 8 विधानसभा सीट हैं इनमें चार सीट आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। इसके साथ ही क्षेत्र में साढे 6 लाख से अधिक आदिवासी वोटर्स हैं। जो चुनाव की दशा और दिशा तय करते हैं ऐसे में पार्टी को आदिवासी वोटर्स पर फोकस करते हुए खंडवा लोकसभा सीट पर आदिवासी को प्रत्याशी बनाना चाहिए। उनकी इस मांग के बाद से ही अरुण की राह पहले से ओर मुश्किल हो गई है। इसके पहले बुरहानपुर से निर्दलीय विधायक और कमलनाथ खेमे के माने जाने वाले निर्दलीय विधायक सुरेन्द्र सिंह शेरा ने अपनी पत्नी जयश्री ठाकुर को कांग्रेस से टिकट दिए जाने की मांग की है। हालांकि खंडवा लोकसभा सीट से अरुण यादव को टिकट दिए जाने पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ पहले ही यह साफ कर चुके हैं कि अरुण यादव ने चुनाव लडने के लिए अभी तक उनसे कोई संपर्क नहीं किया है। उन्हें पता ही नहीं है कि यादव चुनाव लडना चाहते हैं कि नहीं। इतना ही नहीं नाथ ये भी साफ कर चुके हैं कि टिकट के लिए वे सर्वे करवा रहे हैं और इसके आधार पर ही उम्मीदवार तय किया जाएगा।
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