हिमाचल प्रदेश,हरियाणा,उत्तर प्रदेश,उत्तराखंड आदि राज्यों में जहां बीजेपी की सरकार है व दिल्ली में भी अतिथि विद्वानों के जैसे लगातार 3 वर्ष से सेवा देने वालों को वहां की सरकारें नियमित कर चुकीं हैं लेकिन मध्य प्रदेश में आज तक नियमितीकरण की तरफ़ एक भी कदम सरकार ने नहीं उठाया है।अतिथि विद्वानों की मांग विपक्ष में रहते हुए हर नेताओं ने पूरे जोर शोर से उठाते हुए आए हैं,सड़क से लेकर सदन तक ज़ोरदार आवाज़ बुलंद किए लेकिन जैसे ही सत्ता की कुर्सी मिलती है तो किनारा करते हुए नजर आते हैं।आज अतिथि विद्वान अपने आप को ठगा हुआ महसूस करते हैं।कांग्रेस ने वचन दिया तो शिवराज,सिंधिया,नरोत्तम,भार्गव ने आंदोलन में जाकर नियमितीकरण का वादा किए तो खुद वीडी शर्मा ने कई बार मीडिया में बयान देकर कहा की अतिथि विद्वानों की मांग जायज है हम रास्ता साफ करेंगे।लेकिन आज तक अतिथि विद्वान सिर्फ़ सियासत के मोहरा बनकर रह गए।
आदरणीय शिवराज सिंह चौहान ने सैकड़ों मीडियाकर्मियों के सामने व लाखों जनता के सामने अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण का वादा किया था।हम उनसे एक ही निवेदन करते हैं की अपनी बात को पूरा करें अपना वादा निभाए।उन्होंने जो कहा है हम वहीं मांग करते हैं।अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित करें।
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