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संयुक्त राष्ट्र में भड़का भारत

संयुक्त राष्ट्र । भारत लंबे समय में सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग कर रहा है, लेकिन बीते एक दशक में भारत और उसके देशों में इस मुहिम को आगे बढ़ने में कुछ देश बाधा पहुंचा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए सरकारों के बीच चल रही बातचीत के अपहृत वाली स्थिति में होने का भारत ने आरोप लगाया है। भारत ने कहा है कि कुछ देश दुनिया की इस सबसे ज्यादा ताकतवर संस्था में सुधार नहीं होने देना चाहते। वे नहीं चाहते कि स्थायी सदस्य के रूप में इसमें कोई अन्य देश भी शामिल हो। वे अपना सुरक्षा परिषद में अपना एकाधिकार कायम रखने के लिए असमंजसपूर्ण स्थिति बनाए हुए हैं। भारत ने कहा है कि वह संयुक्त राष्ट्र की अगली आमसभा में अपना सुधार से संबंधित पक्ष रखेगा।




2009 से चल रही वार्ता को कोई निष्कर्ष नहीं


संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि के नागराज नायडू ने संस्था की आमसभा के 74 वें सत्र के अध्यक्ष तिजानी मुहम्मद बंदे को पत्र लिखकर वर्तमान हालात पर असंतोष जाहिर किया है। भारत ने कहा है कि सुधारों के संबंध में होने वाली वार्ता को व्यवस्था के नाम पर बाधित किया जाना बिल्कुल गलत है। सुधारों के संबंध में जो भी प्रयास हों, वे स्पष्ट और पारदर्शी होने चाहिए, जिनमें सभी देशों की बराबर भागीदारी होनी चाहिए।

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