जबलपुर । कोरोना संक्रमण ने बिजली की जनसुनवाई
को भी शारीरिक दूरी का पाठ पढ़ा दिया है। अब इंदौर, भोपाल और जबलपुर
में होने वाली जनसुनवाई नहीं होगी। सिर्फ ऑनलाइन ही आपत्ति दर्ज होगी। इसकी डिजिटल
सुनवाई मप्र विद्युत नियामक आयोग करेगा। 30 मई तक आपत्ति भेजी जा सकती है। बिजली
कंपनी करीब पांच फीसद बिजली के दाम में इजाफा करना चाह रही है।
क्या है मामला
बिजली कंपनी ने वित्त वर्ष 2020-21 के
लिए बिजली की दरों में इजाफे का प्रस्ताव दिया था। सालाना करीब दो हजार करोड़ रुपये
के वित्तीय नुकसान का आकलन किया गया है। मप्र विद्युत नियामक आयोग को याचिका दी गई
थी। इसके लिए आयोग की तरफ से जनता से आपत्तियां मांगी गई थीं। पूर्व क्षेत्र
विद्युत वितरण कंपनी से करीब 22 आपत्तियां लगी हुई थीं। इधर, इंदौर
में तकरीबन 38 आपत्तियां आईं।
आपत्तियां दर्ज
बिजली दरों को लेकर आपत्ति दर्ज करवाने वाले
एडवोकेट राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि बिजली दाम बढ़ाने की बजाए सरकार को फिजूल के
बिजली खरीदी करार निरस्त करने चाहिए। इसी के माध्यम से करीब पांच हजार करोड़ रुपये
की बचत की जा सकती है। वहीं महाकोशल उद्योग संघ के डीआर जैसवानी ने कहा कि देश
कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है। आर्थिक गतिविधियां बंद पड़ी हुई हैं। सरकार को बिजली
के दाम नहीं बढ़ाने चाहिए। इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा।
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