भोपाल ! मध्य प्रदेश में 17 मई के बाद लागू होने वाला लॉकडाउन का
स्वरूप इस बार अलग रहेगा। ग्रीन और ऑरेंज जोन में अधिकांश गतिविधियां सुरक्षा
उपायों के साथ प्रारंभ की जाएंगी तो भोपाल, इंदौर और उज्जैन
के गैर संक्रमित क्षेत्रों में भी आर्थिक गतिविधियां बढ़ाई जाएंगी।
कोरोना के लिए चिन्हित अस्पतालों में बैड की
संख्या 35 हजार से बढ़ाकर 85 हजार की जा रही है। प्रदेश में एक्टिव
मरीजों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
ने कही। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने
राज्यों से लॉकडाउन की रूपरेखा बनाकर भेजने के लिए कहा है। राज्य की रूपरेखा
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन बरकरार रखने की है लेकिन इसका स्वरूप अलग
होगा। शाम सात बजे के बाद पूर्व की तरह कर्फ्यू जारी रहेगा। ग्रामीण जोन में सभी
गतिविधियां शुरू की जाएंगी और ऑरेंज जोन में संक्रमित क्षेत्रों को छोड़कर सामान्य
गतिविधियां होंगी। श्रमिकों को लेकर फिलहाल ट्रेनें आती रहेंगी। बाहर से आ रहे
मजदूरों को बसों के माध्यम से प्रदेश की सीमा पर छोड़ा जा रहा है। इसके लिए 375
बसें लगाई गई है।
जगह-जगह श्रमिकों के ठहरने, भोजन,
स्वास्थ्य
परीक्षण के इंतजाम किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि इस समय केंद्र और राज्य,
दोनों
पर वित्तीय संकट है। टैक्स नहीं आ रहा है। इसके बाद भी रोजगार की व्यवस्थाएं बनाई
जा रही हैं। केंद्र सरकार ने मनरेगा के 661 और एनडीआरएफ में
910 करोड़ रुपये भिजवाए हैं। मनरेगा में 16 लाख ग्रामीणों
को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। छोटे, कुटीर एवं ग्रामोद्योगों को भी बढ़ावा
देकर रोजगार के अवसर मुहैया कराए जा रहे हैं। श्रमिकों के हित में श्रम कानूनों
में बदलाव किए हैं और उद्योगों को कई प्रकार की सहूलियतें दी हैं। प्रदेश में
कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या लगभग 1700-1800 के करीब हैं।
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