नई दिल्ली।! भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रेलवे 5000
कोच में 80 हजार आइसोलेशन बेड तैयार कर रहा है, जिससे कि जरूरत
पड़ने पर कोरोना के मरीज को इसमें क्वारंटाइन किया जा सके। इनमें से लगभग 3250
कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया जा चुका है। यह जानकारी आज स्वास्थ्य
मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने दी।
कोरोना वायरस पर हेल्थ बुलेटिन जारी करते हुए
उन्होंने यह भी बताया कि रेलवे ने अपने 2500 डॉक्टर और 35
हजार पारामेडिकल स्टाफ को कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में उतारा है। रलवे ने अपने 586
हेल्थ यूनिट, 45 सबडिविजनल अस्पताल, 56 डिविजनल
अस्पताल, आठ प्रोडक्शन यूनिट, 16 जोनल अस्पताल को भी COVID-19 के
खिलाफ इस लड़ाई में लगाया है।
डॉक्टरों के कुल 2546 पदों और
नर्सिंग स्टाफ, फार्मासिस्ट और अन्य श्रेणी के कर्मचारियों
सहित 35153 अर्द्धचिकित्सा कर्मियों के साथ रेलवे कोविड-19 के
खिलाफ लड़ाई में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। एक नई पहल के तहत
देश भर में केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों के लिए अब रेलवे स्वास्थ्य सेवाओं को
उपलब्ध कराया गया है। इन सेवाओं में कुछ विशिष्टताओं में प्राथमिक, माध्यमिक
और तृतीयक देखभाल सेवाएं शामिल हैं।
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