नई दिल्ली । अगले दो हफ्ते में क्या होगा?
अगले
दो हफ्ते भारत के लिए सबसे अहम क्यों हैं? अगले दो हफ्ते में ही कोरोना की तबाही
की तस्वीर क्यों और कैसे साफ होगी? ये वो सवाल हैं जिनके जवाब आप सभी के
लिए जानना जरूरी है.
भारत में कोरोना के पहले पांच सौ मरीजों की
तादाद डेढ़ महीने में पहुंची. जबकि पांच सौ से पांच हजार पहुंचने में सिर्फ दो
हफ्ते का वक्त लगा. यहां गौर करने वाली बात ये है कि कोरोना के केस के मामले में
हम इटली, स्पेन और अमेरिका से दो हफ्ते पीछे चल रहे हैं. अकेले अमेरिका में
सिर्फ पिछले दो हफ्ते में कोरोना के केस पांच हजार से दो लाख पहुंच गए. और बस यही
चीज़ है जो डरा रहा है कि भारत में आने वाले अगले दो हफ्ते में क्या होगा?
तीस जनवरी को भारत में कोरोना का पहला मरीज़
मिला. फरवरी का महीना कुल मिला कर कंट्रोल में रहा. फिर मार्च आया. मार्च के पहले
दो हफ्ते तक भी मामला कंट्रोल में था. मगर मार्च के तीसरे हफ्ते से पहली बार
कोरोना ने रफ्तार पकड़ी. 22 मार्च आते-आते देश में कोरोना के मरीजों की तादाद 500
जा पहुंची थी. पर अब भी बात चिंता की नहीं थी. क्योंकि 30 जनवरी से 22 मार्च तक
यानी डेढ़ महीने में भारत में कोरोना के कुल 500 ही केस पाए गए थे. पर 22 मार्च के
बाद अचानक तस्वीर बदलनी शुरू होती है. 500 से 5000 पहुंचने में सिर्फ़ अगले दो हफ्ते
का वक्त लगता है. जहां 22 मार्च को कोरोना के मरीजों की तादाद सिर्फ़ 5 सौ थी वहीं
8 अप्रैल आते आते 5 हज़ार हो गई. यानी 22 मार्च के बाद हर रोज़ कोरोना के औसतन 300
नए मामले सामने आने लगे. हालांकि अब भी ये रफ्तार दुनिया के कई देशों के मुकाबले
कम है.
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