भोपाल : राज्यपाल ने प्रदेश में आयुष औषधियों
के उत्पादन और वितरण की व्यवस्था की राजभवन में समीक्षा करते हुए कहा की कोरोना
वायरस से बचाव और नागरिकों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली आयुष औषधियों के
बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने इसके उपचार के लिए शोध एवं
अनुसंधान के प्रयासों पर विशेष बल दिया।
विंध्य वैली ने की 2 करोड़ 20
लाख रुपये की औषधियों की आपूर्ति
समीक्षा में आयुष औषधि उत्पादक विंध्य वैली के
उत्पादन प्रबंधक श्री बी.एस. पिल्लई ने बताया कि आयुष औषधि उत्पादन कार्य प्रभावी
तरीके से संचालित किया जा रहा है। संकट के इस दौर में 2 करोड़ 20
लाख रुपए मूल्य की आयुष औषधियों की आपूर्ति की गई है। वर्तमान में एक करोड़ रुपए
मूल्य की औषधियों का भंडारण है। उन्होंने बताया कि विंध्य वैली द्वारा 9
करोड़ रुपए मूल्य की औषधियों के आर्डर की आपूर्ति का कार्य किया जा रहा है।
दवाओं के 78 लाख किट्स का
वितरण
प्रभारी उप संचालक आयुष डॉक्टर राजीव मिश्रा ने
बताया कि आयुष द्वारा होम्योपैथी, यूनानी और आयुर्वेद की रोग प्रतिरोधी
क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं के 78 लाख किट्स का वितरण 3 मार्च
से अभी तक किया है। पंडित खुशीलाल आयुर्वेद महाविद्यालय द्वारा केंद्र सरकार के
आयुष विभाग के निर्देशन में पारंपरिक औषधियों के शोध और अनुसंधान की कार्यवाही की
जा रही है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण अंचल में औषधि वितरण कार्य के परिणामों और
प्रभावों का अध्ययन भी महाविद्यालय द्वारा कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि
आयुष विभाग द्वारा आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा
पद्धतियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए सुझावों के पोस्टर और पंपलेट भी
प्रकाशित कराकर वितरित किए गए हैं।
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