ये कंपनियां भारत को वैकल्पिक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में देखती हैं और सरकार के विभिन्न स्तरों के समक्ष अपना प्रस्ताव पेश कर चुकी हैं, जिनमें विदेश में भारतीय दूतावास तथा राज्यों के उद्योग मंत्रालय शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने कहा, 'वर्तमान में लगभग 1000 कंपनियां विभिन्न स्तरों जैसे इन्वेस्टमेंट प्रमोशन सेल, सेंट्रल गवर्नमेंट डिपार्टमेंट्स और राज्य सरकारों के साथ बातचीत कर रही हैं। इन कंपनियों में से हमने 300 कंपनियों को लक्षित किया है।'
उन्होंने कहा, 'हम इस बात को लेकर आशान्वित हैं कि एक बार जब कोरोना वायरस महामारी नियंत्रण में आ जाती है, हमारे लिए कई फलदायक चीजें सामने आएंगी और भारत वैकल्पिक मैन्युफैक्चरिंग गंतव्य के रूप में उभरेगा। जापान, अमेरिका तथा दक्षिण कोरिया जैसे कई देश चीन पर हद से ज्यादा निर्भर हैं और यह साफ दिख रहा रहा है।
मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले साल सितंबर में एक बड़े फैसले के तहत कॉर्पोरेट टैक्स को घटाकर 25.17 फीसदी कर दिया था। नई फैक्ट्रियां लगाने वालों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स को घटाकर 17 फीसदी पर ला दिया था, जो दक्षिण-पूर्व एशिया में सबसे कम है। कॉर्पोरेट टैक्स रेट में कटौती के साथ-साथ देशभर में लागू जीएसटी से भारत को उम्मीद है कि वह मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अच्छा-खासा निवेश आकर्षित करेगा।
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