भोपाल : देश का पहला जीआईएस आधारित मास्टर
प्लान राजधानी भोपाल में आकार लेगा। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्द्धन सिंह
और जनसम्पर्क मंत्री पी.सी. शर्मा ने मिन्टो हॉल में भोपाल मास्टर प्लान-2031 के
प्रारूप का लोकार्पण किया। मंत्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में
राज्य शासन ने मात्र 14 माह में भोपाल विकास योजना का प्रारूप
जन-सामान्य के समक्ष प्रस्तुत कर दिया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1995
में लागू विकास योजना की अवधि वर्ष 2005 तक थी।
वर्ष 2005 से अब तक भोपाल
में चली विकास गतिविधियाँ किसी योजना के अनुरूप नहीं हो पाईं। उन्होंने कहा कि
भोपाल विकास योजना-2031 के प्रारूप में 1017 वर्ग किलोमीटर
योजना क्षेत्र तथा 35 लाख जनसंख्या के मान से प्रावधान किया गया है।
प्रारूप में आउटर और इनर रिंग रोड के प्रावधान के साथ अन्य सड़कों के विकास के लिये
बेटरमेंट चार्जेस की व्यवस्था की गई है। प्रारूप mptownplan.gov.in पर
उपलब्ध है। इस पर नागरिकों से सुझाव आमंत्रित किये गये हैं। सुझाव ऑनलाइन दिये जा
सकते हैं।
इस प्रारूप में राजधानी की प्राकृतिक सुंदरता
और जल-संरचनाओं को सुरक्षित और संवर्धित करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।
योजना क्षेत्र के हरित और वन क्षेत्र में वृद्धि राज्य शासन की प्राथमिकता और
प्रतिबद्धता है। नगरीय विकास मंत्री ने कहा कि भोपाल की सांस्कृतिक-ऐतिहासिक धरोहर
को सुरक्षित रखना हमारी प्राथमिकता में शामिल है। इस क्रम में बड़ा तालाब क्षेत्र
के विकास के लिये लेक डेव्हलपमेंट अथॉरिटी का गठन किया जायेगा। शासन की मंशा बड़ा
तालाब के लेक फ्रंट को जिनेवा या मुम्बई के मरीन ड्राइव के समान विकसित करने की है।
उन्होंने स्मार्ट सिटी क्षेत्र में 23.5 हेक्टेयर क्षेत्र में पार्क तथा वन
संरचनाएँ विकसित करने के प्रावधान की जानकारी देते हुए बताया कि स्मार्ट सिटी
क्षेत्र में लगभग 50 हजार पौधे लगाये जायेंगे।
सिंह ने कहा कि विकास योजना में युवा पीढ़ी को
बेहतर व्यवस्थाएँ देने के लिये एजुकेशनल- यूथ हब बनाने का प्रावधान किया गया है।
योजना में स्लम-फ्री भोपाल की अवधारणा पर कार्य किया जायेगा। स्लम के स्थान पर
हाईराइज बिल्डिंग बनाई जायेंगी, जिनमें स्लम में रहने वाले लोगों को
शिफ्ट किया जायेगा।
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