भोपाल ! राज्य सरकार इस साल को गोंड कला वर्ष के रूप
में बनाएगी। प्रदेश के स्कूलों में छात्र-छात्राओं को गोंड जनजातीय नृत्य एवं विभिन्न माध्यमों की
शिल्प रचना और चित्रांकन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन्हें इन विद्याओं के प्रशिक्षक
गुरुओं के जरिए नि:शुल्क प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।
संस्कृति विभाग इस प्रशिक्षण का खर्च उठाएगा।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि आदिवासी लोक कला और संस्कृति का संरक्षण किया
जाएगा। इसे पूरा करने के लिए पूरे प्रदेश में कार्यवाही शुरू हो गई है। राज्य
सरकार एक नवबर 2019 से 1 नवंबर 2020 तक गोंड कलाओं
का वर्ष मना रही है। इसके तहत संस्कृति
विभाग स्कूली छात्र-छात्राओं को गोंड संस्कृति से जुड़े नृत्य, गीत-संगीत,
वाद्य
यंत्रों का संचालन, गोंड जनजातीय द्वारा बनाए जाने वाले कला शिल्प,
पत्थर
शिल्प, लोहा, पीतल और अन्य शिल्प रचनाओं, गोंड
चित्रकला का प्रशिक्षण प्रदेश के सभी शहरी क्षेत्रों में इन कलाओं से जुड़े
विषय-विशेषज्ञों के जरिए कराएगी। इसका पूरा खर्च संस्कृति विभाग उठाएगा।
गोंड कलाओं पर संस्कृति विभाग द्वारा अलग-अलग
विद्या में प्रशिक्षण के लिए छात्र-छात्राओं को चिन्हित कर उनकी संख्या की जानकारी
लोक कला एवं बोली विकास अकादमी के निदेशक को भेजने के लिए सभ जिलों के जिला एवं
प्रशिक्षण संस्थानों के प्राचार्यों और जिला शिक्षा केन्द्र के जिला परियोजना
समन्वयकों को पत्र लिखे गए है।
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