मुख्यमंत्री ने कहा है कि रामनामियों के रोम
रोम में राम बसते हैं। वे श्री राम के सच्चे अनुयायी हैं। उनमें राम के प्रति अटूट
विश्वास और श्रद्धा हैं। छत्तीसगढ़ के गावों-कस्बो में तालाब निर्माण में रामनामी
समाज के पुरखों का विशेष योगदान रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव-गांव मे
तालाबो का निर्माण रामनामियों के दया भाव का प्रतीक है। मुख्यमंत्री जांजगीर-चांपा
जिले के मालखरौदा विकासखण्ड के ग्राम पिकरीपार में रामनामी बड़े भजन मेला का
शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हुए और इस आयोजन के लिए सभी को बधाई और शुभकामनाएं
दीं। मेले का आयोजन अखिल भारतीय रामनामी सतनामी महासभा के तत्वाधान में 06
से 08 जनवरी तक किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राम सभी के अराध्य हैं।
छत्तीसगढ़ की संस्कृति में राम बसे हैं। यहां के लोग परस्पर मुलाकात तथा विदाई के
समय राम-राम का उच्चारण करते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम की माता कौशल्या का
मायका छत्तीसगढ़ है। भगवान राम ने वनगमन का अधिकांश समय छत्तीसगढ़ में बिताया है।
भगवान राम वनगमन के दौरान जिस मार्ग पर चले उसे राम वनगमन पर्यटन परिपथ के रूप में
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा विकसित किया जा रहा है। इसकी शुरूआत चन्दखुरी से कर दी गई
है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ छत्तीसगढ़ के सभी
वर्ग के लोगों की सेवा और उनके विकास का कार्य कर रही है। सभी किसानों की ऋण माफी,
2500 रूपए क्विंटल में धान खरीदी, जनजातियों की
अधिग्रहित जमीन की वापसी, वन अधिकार पट्टो का वितरण, हॉटबाजार
क्लिनिक और सुपोषण योजना के माध्यम से नवा छत्तीसगढ़ का निर्माण किया जा रहा है।
उन्होंने सुराजी गांव योजना की विस्तार से जानकारी देते हुए किसानों से गौठानों
में पशुओं के चारे के लिए पैरादान करने की अपील की और ग्रामीणों से गौठान का बेहतर
संचालन करने का आग्रह भी किया।
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