मुंबई ! महाराष्ट्र में सत्ताधारी शिवसेना ने नागरिकता
संशोधन कानून (सीएए) पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। पार्टी का कहना है कि
पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए मुस्लिम
घुसपैठियों को भारत से बाहर कर देना चाहिए। इससे पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना
चीफ राज ठाकरे ने भी सीएए का समर्थन किया था और 9 फरवरी
को कानून के समर्थन में प्रोटेस्ट मार्च निकालने का ऐलान किया था।
राज ठाकरे के इस ऐलान के बाद शिवसेना ने अपने
मुखपत्र 'सामना' के जरिए उन पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि
एक महीने पहले राज ठाकरे का सीएए पर कुछ और स्टैंड था और वह इसे मंदी जैसे
महत्वपूर्ण मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने की चाल बता रहे थे लेकिन अब वह अपने
बयान से पलट गए हैं और सीएए के समर्थन में रैली निकालने जा रहे हैं। सेना ने ठाकरे
को निशाने पर लेते हुए कहा कि दो झंडे थामना कन्फ्यूज्ड मानसिकता को दर्शाता है।
बता दें कि गुरुवार को एमएनएस चीफ राज ठाकरे ने पार्टी का नया झंडा लॉन्च किया था
जो भगवा रंग का है और जिसमें शिवाजी काल की राजमुद्रा (शाही मुहर) छपी है।
राज ठाकरे पर शिवसेना का तंज
शिवसेना ने ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि
पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए मुस्लिम
घुसपैठियों को देश से बाहर कर देना चाहिए, इसमें कोई शक
नहीं है लेकिन यह देखना दिलचस्प है कि एक पार्टी ने इस मुद्दे के लिए अपना झंडा
बदल लिया। पार्टी के मुखपत्र 'सामना'में
शिवसेना ने कहा कि राज ठाकरे ने 14 साल पहले मराठी मुद्दों पर पार्टी
बनाई लेकिन अब वह हिंदुत्व की ओर मुड़ रहे हैं, लेकिन
बाला साहेब और सावरकर के हिंदुत्व को निभाना बच्चों का खेल नहीं है।
शिवसेना ने कहा, 'फिर भी
हम बड़े दिलवाले हैं और हिंदुत्ववादी रुख अपनाने वाले लोगों का स्वागत करते हैं।
हालांकि, यह विचारधारा उधार की है लेकिन यह हिंदुत्ववादी है। ऐसे में अगर आपको
लगता है कि आप यह कर सकते हैं तो आगे बढ़ें।' शिवसेना
ने आगे कहा कि मराठी मुद्दों पर पार्टी ने पहले ही बहुत कुछ किया है, इसीलिए
एमएनएस को जनता से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। अब हिंदुत्ववादी राजनीति से भी एमएनएस
को कुछ नहीं मिलने वाला है क्योंकि शिवसेना ने हिंदुत्व के लिए भी काफी कुछ किया
है।
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