भोपाल ! नियमितिकरण की मांग को लेकर भोपाल में तीन दिन
से धरने पर बैठे अतिथि विद्वानों को सरकार का फैसला मंज़ूर नहीं. उन्होंने कमलनाथ
कैबिनेट के फैसले को ठुकरा दिया है. वो अब भी भोपाल में धरने पर बैठे हैं.अतिथि
विद्वानों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार उनकी मांग पूरी नहीं करती, तो
वो सामूहिक आत्मदाह करेंगे.
भोपाल में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में
अतिथि विद्वानों का मामला उठा था. इसमें अतिथि विद्वानों को कॉलेज से न निकालने और
लोक सेवा आयोग के जरिए होने वाली असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में 20
अंक बोनस के तौर पर देने का निर्णय लिया गया था.लेकिन सरकार के इस फैसले से अतिथि
विद्वान असंतुष्ट हैं.इनका कहना है सरकार ने नियमित करने का वादा किया था.अब सरकार
अपने वादे मुकर रही है.
विरोध में मुंडन
आंदोलन के दूसरे दिन पचास अतिथि विद्वानों ने
मुंडन कराया था और 21 साथी आमरण अनशन पर बैठ गए. 50
महिला अतिथि विद्वान ने शुक्रवार को मुंडन कराने का ऐलान किया है.साथ ही चेतावनी
दी है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जातीं, तब तक धरना
चलेगा.सरकार नहीं सुनेगी, तो सभी सामूहिक आत्मदाह करेंगे.
सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी
अतिथि विद्वान डॉक्टर आशीष पांडेय के मुताबिक
लोक सेवा आयोग के जरिए चुने गए असिस्टेंट प्रोफेसर, पद ग्रहण करने
पहुंच रहे हैं तो उन्हें कॉलेज से निकाला जा रहा है. पोस्ट ना होने की स्थिति में
सरकार ने नजदीक के कॉलेज में शिफ्ट करने का जो निर्णय लिया है, ये
विद्वान उससे भी सहमत नहीं हैं. अतिथि विद्वानों का कहना है मानदेय इतना नहीं है
कि अपने घर से दूर जाकर अन्य किसी कॉलेज में सेवाएं दे सकें. राज्य शासन को या तो
हमें नियमित कर देना चाहिए या फिर आदेश जारी करना चाहिए कि 65
वर्ष की आयु पूरी करने तक किसी भी अतिथि विद्वान को कॉलेज से नहीं निकाला जाएगा.
अतिथि विद्वान भोपाल के यादगार-ए-शाहजहांनी
पार्क में धरना दिए बैठे हैं. कई महिला अतिथि विद्वान तो अपने छोटे-छोटे बच्चों को
साथ लेकर धरना दे रही हैं.धरना प्रदर्शन की अनुमति शुक्रवार तक की है.उनका कहना है
वो बिना अनुमित के आगे भी प्रदर्शन जारी रखेंगे.शुक्रवार को महिलाएं मुंडन
कराएंगी. इसके बाद अतिथि विद्वानों ने सरकार को सामुहिक आत्मदाह की चेतावनी दी है.
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