महाराष्ट्र
की राजनीति में शनिवार को एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। महाराष्ट्र के राज्यपाल
भगत सिंह कोशयारी ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। देवेंद्र
फडणवीस के साथ शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने भी डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है।
फडणवीस
ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी जी, अमित शाह जी और जेपी नड्डा जी का आभार
व्यक्त करता हूं उन्होंने महाराष्ट्र की सेवा करने का मौका दिया। जनता ने हमें
स्पष्ट जनादेश दिया था लेकिन शिवसेना ने हमारा साथ छोड़कर किसी और जगह गठबंधन करना
शुरू कर दिया। जिसके चलते महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हुआ। महाराष्ट्र
जैसे राज्य में यह कितने समय लागू रहे यह शोभा भी नहीं देता है। इसके चलते
महाराष्ट्र को एक स्थिर सरकार की जरूरत थी खिचड़ी सरकार की नहीं। अंत में मैं
राष्ट्रवादी पार्टी के नेता अजित पवार को धन्यवाद देना चाहूंगा कि उन्होंने हमारा
साथ दिया। उन्होंने कहा कि हमारे साथ कई अन्य लोग भी आएं हैं। हमारा दावा राज्यपाल
का पेश किया। राज्यपाल जी ने राष्ट्रपति जी से अनुशंस की कि वह राष्ट्रपति शासन
वापस लें। इसके बाद राज्यपाल ने सरकार बनाने का न्यौता दिया। महाराष्ट्र में स्थिर
और स्थाई सरकार दे पाएंगे।
डिप्टी
सीएम अजीत पवार ने कहा कि 24 तारीख को नतीजे आए और किसी की सरकार
नहीं बनी। बहुत समस्या थी जिसमें किसानों की समस्या थी। सरकार आती है तो रास्ता
निकालने में मदद हो सकती है। इसलिए हम सब ने यह निर्णय लिया।
एनसीपी
अध्यक्ष शरद पवार ने शुक्रवार शाम उद्धव के साथ करीब दो घंटे तक बातचीत के बाद
इसका ऐलान किया कि वह मुख्यमंत्री होंगे। पवार ने कहा कि ये साफ है कि नेतृत्व का
मुद्दा हमारे सामने नहीं है। कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना तीनों दलों में इस बात को
लेकर सहमति है कि उद्धव ठाकरे ही सरकार का नेतृत्व करेंगे। वहीं महाराष्ट्र की
राजनीति में आज का दिन अहम होने वाला है।
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