भोपाल! गायों की देखभाल के लिए फंड जुटाने अब कमलनाथ सरकार अन्य राज्यों की
तर्ज पर गौ उपकर लगाने की तैयारी में है। इसके लिए पशुपालन विभाग ने प्रस्ताव
तैयार कर वित्त और वाणिज्य कर विभाग को भेजा है। वहां से हरी झंडी मिलते ही सरकार
यह टैक्स लागू करेगी। इसके लिए कैबिनेट में भी प्रस्ताव लाया जाएगा।
प्रदेश में सड़कों पर घूमती गायों से बढ़ती सड़क
दुर्घनाओं पर लगाम लगाने के लिए सरकार के पास कार्ययोजना तो है लेकिन भारी-भरकम
खर्च के चलते उस पर अमल नहीं हो पा रहा है। इसलिए अब मुख्यमंत्री कमलनाथ के
निर्देश पर पशुपालन विभाग भी मध्यप्रदेश में गौ उपकर लगाने की तैयारी में है। इसके
लिए पशुपालन विभाग ने राजस्थान, उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा
सहित अन्य राज्यों में गायों की देखरेख के लिए लगाए जा रहे कर और वित्तीय संसाधन
जुटाए जाने के फॉर्मूले का अध्ययन कराया है। इसी तर्ज पर मध्यप्रदेश सरकार भी
गायों की देखभाल के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाने अब विभिन्न सेवाओं पर गौ उपकर
लगाएगी। इसके जरिए सामूहिक रूप से करों से राजस्व जुटाकर एक प्रकार से सरकार
गौसेवा में सबकी भागीदारी भी सुनिश्चित कराएगी।
उत्तरप्रदेश में 2% लगता है गौ
सेवा कर
उत्तरप्रदेश में इस समय उपक्रमों की आय का दो
प्रतिशत कर गौ सेवा के लिए लिया जाता है। राजस्थान में नान ज्यूडीशियल स्टाम्प की
खरीदी पर दस प्रतिशत राशि इस काम के लिए सरकार खर्च करती है। पंजाब और हरियाणा में
शादी हाल के संचालन, कार और स्कूटर की बिक्री, अंग्रेजी
और देशी शराब की बिक्री से होने वाली आय का कुछ हिस्सा गौवंश की देखरेख के लिए
खर्च करती है। राज्य सरकार भी इनमें से कुछ फार्मूलों को राज्य में लागू करेगी।
इसके अलावा कुछ नये संसाधनों पर भी विचार किया जा सकता है, जिनकी आय के कुछ
हिस्सें को प्रदेश में बेसहारा गौवंश की देखरेख पर खर्च किया जा सके।
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