भोपाल: मध्यप्रदेश में देश के नामचीन उद्योग समूह सीमेंट, पर्यटन, फार्मा, सूचना प्रौद्योगिकी सहित अन्य क्षेत्रों में लगभग एक लाख करोड़ रुपए का निवेश करेंगे। निवेशप्रस्तावों पर चर्चा अंतिम दौर में है। 18 अक्टूबर को इंदौर में होने वाली मैग्निफिसेंट एमपी में कुछ प्रस्तावों का एलान भी हो सकता है। कुछ उद्योग समूह अपनी ओर से निवेश को लेकर ठोस घोषणाएं भी कर सकते हैं। कार्यक्रम में अनुबंध करने की जगह सरकार प्रस्तावों पर सीधे निवेश संवर्धन कमेटी में फैसला करेगी।
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अधिकारियों को साफ कर दिया है कि मैग्निफिसेंट एमपी में किसी प्रकार का कोई दिखावा न किया जाए। निवेश को लेकर जो भी बात हो, वो ठोस और धरातल पर उतरने वाली होनी चाहिए।
इसके मद्देनजर उद्योग सहित ऊर्जा, चिकित्सा शिक्षा, पर्यटन, उच्च शिक्षा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम और उद्यानिकी विभाग विभिन्न् प्रस्तावों पर अंतिम दौर की चर्चा कर रहे हैं। डाबर, सिप्ला, ल्यूपिन जैसी कंपनियां जमीन भी देख चुकी हैं। नार्वे सरकार की स्टेटक्राफ्ट आठ हजार करोड़ रुपए का निवेश स्टेट डाटा सेंटर के क्षेत्र में करने की इच्छुक है। इसके लिए आष्टा के पास जमीन भी दिखाई जा चुकी है।
सीमेंट के क्षेत्र में एसीसी, इंडिया सीमेंट सहित कुछ अन्य प्रस्तावों को अंतिम रूप दे दिया गया है तो पर्यटन के क्षेत्र में महिंद्रा ग्रुप ने निवेश करने के प्रस्ताव दिए हैं। सन, ल्यूपिन के फार्मा के क्षेत्र में निवेश के प्रस्तावों पर चर्चा चल रही है। बताया जा रहा है कि मैग्निफिसेंट एमपी में इनमें से कुछ को लेकर निर्णय भी हो जाएंगे।
वहीं, कुछ उद्योग ने निवेश के क्षेत्र बताकर अपनी इच्छा जाहिर की दी है और वे कार्यक्रम में प्रमाणिक घोषणा करेंगे। उद्योग विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ड्रायपोर्ट, लॉजिस्टिक हब और पर्यटन के क्षेत्र में कहां क्या होना है, इसकी पहचान की जा चुकी है। सिर्फ उन्हीं प्रस्तावों पर चर्चा होगी, जो पाइपलाइन में हैं।
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