सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानि PDS के
तहत राशन की दुकानों से दिया जाने वाला सस्ता राशन कभी भी बंद हो सकता है। इसकी
सप्लाई करने वाले नागरिक आपूर्ति निगम सप्लाई रोकने के लिए अल्टीमेटम दे दिया है।
इसकी वजह दुकान संचालित करने वाली सोसायटियों द्वारा निगम को पैसा नहीं दिया जाना
बताई जा रही है। निगम को अकेले ग्वालियर से ही 172 लाख 10
हजार रुपए वसूलने हैं जबकि ग्वालियर चम्बल अंचल में उधारी का ये आंकड़ा 11
करोड़ 58 लाख रुपए है।
PDS दुकानों से मिलने वाला खाद्यान्न पिछले लम्बे समय से उधारी में चल रहा है। तीन
सप्ताह पहले नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक ने ऐसी दुकानों से पैसा वसूली
के लिए निर्देश दिए हैं जिन पर दो महीने से अधिक समय से बकाया है। ग्वालियर के
जिला आपूर्ति नियंत्रक चंद्रभान सिंह जादौन के मुताबिक शहर में नागरिक आपूर्ति
निगम द्वारा उपभोक्ता भंडार से एडवांस पैसा लेकर खाद्यान्न सप्लाई किया जाता है
जबकि ग्रामीण क्षेत्र में सहकारी समितियां खाद्यान्न की बिक्री कर निगम को पैसा
देती हैं। ग्वालियर जिले की बात की जाए तो
तहां राशन की दुकानों की संख्या 555 है इनमें से 238 शहरी और
317 ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। इन दुकानों से हर महीने 2
लाख 22 हजार कार्डधारकों को खाद्यान्न दिया जाता है। इनमें से अधिकांश
दुकाने ऐसी है जिन्होंने लम्बे समय से
पैसा नहीं दिया है। । कुछ दुकानों ने तो तीन साल से पैसा नहीं दिया। ग्वालियर जिले
में 2016-17 का 25 लाख 90
हजार, वर्ष 2017-18 का 23 लाख और
वर्ष 2018-19 का 82 लाख 90
हजार रुपया उधार है। इसके अलावा कुछ दुकानों से तो अप्रैल और मई का भी 40
लाख 30 हजार रुपया बकाया है। कुल मिलाकर
ग्वालियर जिले की PDS दुकानों से 172 लाख 10
हजार उधार हैं। और यदि दो महीने का पैसा छोड़कर बाकी पैसा नहीं चुकाया गया तो
खाद्यान्न की सप्लाई कभी भी बंद हो सकती है।
नागरिक आपूर्ति निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक
अश्विनी रावत के मुताबिक वीसी में मिले निर्देश के आधार पर पैसा वसूली के लिए पत्र
लिखा जा चुका है। यदि जल्दी पैसा नहीं आया तो खाद्यान्न की सप्लाई रोकी जा सकती
है। उन्होंने बताया कि ग्वालियर चम्बल संभाग 8 जिलों से
कुल 11 करोड़ 58 लाख रुपए वसूले जाने हैं। इनमें ग्वालियर से 172
लाख 10 हजार, शिवपुरी से 248
लाख 90 हजार,दतिया से 112
लाख, गुना से 43 लाख 30
हजार, अशोकनगर से 170 लाख 70
हजार,श्योपुर से 195 लाख 70
हजार, भिंड से 145 लाख 10
हजार और मुरैना से 70 लाख 80 हजार
रुपए वसूले जाने हैं। उधर इस मामले में प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री
प्रद्युम्न सिंह तोमर ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि खाद्यान्न पर
संकट जैसी कोई बात नहीं है । ये पैसा सरकार का है। जल्दी ही सोसायटियों से लिया
जाएगा। उन्होंने कहा कि खाद्यान्न की सप्लाई नहीं
रुकने दी जाएगी।
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