मुख्यमंत्री कमल नाथ 30 अक्टूबर
को सुबह 10 बजे मिंटो हॉल में अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षा पद्धति ‘‘स्टीम’’
(सांइस, टेक्नोलाजी, इंजीनियरिंग,
आर्टस एवं मैथ्स) पर आधारित 'मध्यप्रदेश
स्टीम कान्फ्रेंस' का शुभांरभ करेंगे। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ.
प्रभुराम चौधरी शुभारंभ सत्र की अध्यक्षता करेंगे। मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती विशेष
अतिथि होंगे। कान्फ्रेंस में देश-विदेश के लगभग 400
विषय-विशेषज्ञ और शिक्षाविदों की सहभागिता रहेगी।
अमेरिका से प्रारंभ हुई स्टीम शिक्षा पद्धति को
विश्व के प्रमुख देशों रशिया, फिनलैंण्ड, ब्रिटेन
एवं साउथ कोरिया द्वारा अपनाया गया है। मध्यप्रदेश में स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता
के लिये किये जा रहे प्रयासों के तहत मध्यप्रदेश स्टीम कान्फ्रेंस का आयोजन किया
जा रहा है। मध्यप्रदेश संभवतः देश का प्रथम राज्य होगा, जो इस
कान्फ्रेंस का आयोजन कर रहा है। स्टीम शिक्षा पद्धति का उद्देश्य बच्चों को छोटी
कक्षा से ही विज्ञान और तकनीक के साथ कला और गणित से जोड़ना है, ताकि
बच्चों की कल्पना शक्ति के साथ ही विषयगत दक्षताओं का भी विकास हो सके। वे हाईटेक
नॉलेज प्राप्त कर सकें और उनमें करके सीखने की प्रवृति का विकास हो सके।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बैंगलुरु की ‘‘लाइफ’’
संस्था के सहयोग से 30 और 31 अक्टूबर
को आयोजित की जा रही इस दो दिनी कान्फ्रेंस में मुख्य वक्ता के रुप में, स्टीम
एजुकेशन की संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सी.ई.ओ.) सुजार्जट येकमेन,
डी ऐंज़ा कॉलेज केलिफोर्निया यू.एस.ए. की बाल विकास एवं शिक्षा विषय
की प्रोफेसर सुजयंती तांबे रॉय, स्टोरी ट्राइंगल फाउन्डेशन की संस्थापक
सुअर्पणा अत्रैय, शिव नाडर फाउंडेशन के बाल शिक्षा विभाग की
प्रमुख सुसुमिता मलिक, शंकर महादेवन अकादमी में पाठ्यक्रम विकास कार्य
से जुडे़ संगीतकार कार्तिक रमन और स्टीम रिसर्च लैब की विभागाध्यक्ष सुशहीन
शाहीबोले विभिन्न सत्रों में वक्तव्य के साथ प्रस्तुतिकरण करेंगी।
कान्फ्रेंस में राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय
वक्ताओं, विषय-विशेषज्ञों, नीति-निर्धारकों, शासकीय
स्कूलों और संस्थानों के प्रमुखों सहित सी.बी.एस.ई., आई.सी.एस.ई.
और म.प्र. बोर्ड के स्कूलों के प्रमुख भी सहभागिता करेंगे।
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