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MP : माननीयों को सही आय बताने का फरमान, हड़कंप

भोपाल :  आयकर विभाग द्वारा प्रदेश के करीब सौ विधायक व पूर्व विधायकों से उनकी संपत्ति और आय का स्रोत पूछने से जनप्रतिनिधियों में हड़कंप की स्थिति है।

विधानसभा चुनाव के दौरान नामांकन पत्र के साथ हलफनामे में इन्होंने संपत्ति का जो ब्योरा दिया था उससे आयकर विभाग संतुष्ट नहीं है।

 उनकी संपत्ति में काफी अंतर दिख रहा है इसलिए धारा 131 के तहत समन भेजे जा रहे हैं। हाल ही में एक मंत्री सहित करीब 20 विधायक व पूर्व विधायक को आयकर ने यह चिट्ठी भेजी है।

बताया जाता है कि चुनाव आयोग ने नामांकन पत्र के साथ मिले सभी उम्मीदवारों के हलफनामे आयकर विभाग को सौंपकर रिपोर्ट मांगी है। इस हलफनामे की जानकारियों को आयकर विभाग ने उसके पास मौजूद इन विधायकों.पूर्व विधायकों के आयकर विवरण से मिलान किया है।

 करीब सौ विधायकों की आय और संपत्ति का ब्योरा पुरानी जानकारी से कहीं ज्यादा निकल रहा है इसलिए विभाग ने समन भेजकर सभी से हिसाब.किताब संबंधी संपत्ति के मूल दस्तावेज तलब कर लिए हैं।

आयकर विभाग ने जिन लोगों की संपत्ति का ब्योरा तलब किया हैए उनमें नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव भी शामिल हैं। भार्गव ने बताया कि उन्हें आयकर का समन मिला है। विभाग ने उनसे पांच साल पुराने हलफनामे और मौजूदा ब्योरे के बारे में जानकारी मांगी जो कि भेजी जा रही है।

पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव और पूर्व मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा से भी विभाग ने यह जानकारी तलब की है। सपा की पूर्व विधायक मीरा यादव के अलावा भारत सिंह कुशवाह राहुल लोधी आलोक चतुर्वेदी राकेश गिरी गोस्वामी शशांक भार्गव संजीव सिंह कुशवाह और रणवीर सिंह जाटव भी शामिल हैं।

 कई माननीयों की संपत्ति में करोड़ों रुपए का अंतर सामने आया है इसलिए उनसे दस्तावेजों के साथ इसका जवाब मांगा गया है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के आधार पर चुनाव आयोग यह जानकारी मांगता है। जवाब मिलने के बाद यदि किसी की संपत्ति में गैर अनुपातिक अंतर सामने आता है तो उस पर आयकर विभाग अपनी टैक्स वसूली और अभियोजन जैसी कार्रवाई कर सकता है।

साथ ही चुनाव आयोग भी उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई कर सकता है। इसलिए आयकर विभाग के इस समन को लेकर राजनेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं।
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