उज्जैन : देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए प्रदेश सरकार ने तेजी से काम करना शुरू कर दिया है। इसके लिए एक्ट में सुधार कर मंदिर प्रबंध समिति पर सरकार का नियंत्रण होगा। एक्ट का मसौदा एक पखवाड़े में तैयार होने की संभावना है। इसी साल अक्टूबर तक एक्ट में संशोधन कर दिया जाएगा। काशी की तर्ज पर मंदिर विकास के लिए सरकार जमीन अधिग्रहित करेगी।
वीआईपी कल्चर पर अंकुश के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है। वीआईपी के लिए दर्शन का समय तय कर दिया गया है। दिन में दो बार केवल दो घंटे ही वीआईपी प्रवेश कर सकेंगे। सुबह 6 से 7 और दोपहर 3 से 4 का समय वीआईपी के लिए तय किया है।
महाकाल मंदिर क्षेत्र विकास और सौंदर्यीकरण के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा बनाई गई उच्च स्तरीय समिति की पहली बैठक शुक्रवार को जिला मुख्यालय कोठी पैलेस स्थित बृहस्पति भवन में हुई। इसमें लोक निर्माण मंत्री व उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा व नगरीय विकास व आवास मंत्री जयवर्धनसिंह और मुख्य सचिव (सीएस) एसआर मोहंती और अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) मनोज श्रीवास्तव, कांग्रेस विधायक, जनप्रतिनिधि व नेता शामिल हुए। सीएस मोहंती ने बताया मंदिर एक्ट में सुधार किया जाएगा।
अक्टूबर तक संशोधित एक्ट लागू किया जा सकता है। पहले इसका मसौदा तैयार किया जाएगा।जनसंपर्क मंत्री शर्मा ने बताया कि एस्केलेटर के माध्यम से भी महाकाल मंदिर में दर्शन कराने की योजना है। इस योजना की संभावना तलाशी जाएगी फिर धरातल पर उतारा जाएगा। इससे सुविधाजनक तरीके से दर्शन हो सकेंगे। देशभर से आने वाले दर्शनार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसे देखते हुए सरकार इस योजना पर भी काम करने जुट गई है।
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