केंद्र सरकार ने शनिवार को चार नए राज्यपाल नियुक्त किए और दो का तबादला कर दिया। मप्र की वर्तमान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को उप्र की जिम्मेदारी दी गई है।
वे वहां राम नाइक की जगह लेंगी, जिनका कार्यकाल 21 जुलाई को खत्म हाे रहा है। पटेल 23 जनवरी 2018 को मप्र की गवर्नर बनी थीं।
उनके पास छत्तीसगढ़ का भी प्रभार रहा। उनका कार्यकाल 2023 तक था पर यह पूरा होने के 3 साल 6 माह पहले ही उन्हें उप्र जैसे बड़े राज्य का राज्यपाल नियुक्त कर दिया गया।
वहीं उप्र के रहने वाले टंडन 23 अगस्त 2018 से अब तक बिहार के राज्यपाल थे। 2009 में अटलजी के राजनीति से संन्यास लेने के बाद वह लखनऊ से सांसद और कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं।
टंडन को राजनीति में प्रयोगों के लिए पहचाना जाता रहा है। उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती से चांदी की राखी बंधवाकर 2002 में उप्र में भाजपा-बसपा गठबंधन की सरकार बनवाने में मुख्य भूमिका निभाई थी।
पिछले दिनों उन्होंने अपनी किताब ‘अनकहा लखनऊ’ में कई खुलासे किए थे। वे दो बार सांसद, एक बार कैबिनेट मंत्री, नेता प्रतिपक्ष आदि भी रहे।
फागु चौहान पिछड़ी जाति का बड़ा चेहरा हैं। उप्र पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन हैं। घाेसी से छह बार विधायक रहे हैं। विधानसभा के पिछले चुनाव में सबसे ज्यादा मताें से जीते थे। बिहार में टंडन की जगह लेंगे।
सात बार सांसद रहे बैस त्रिपुरा में कप्तान सिंह सोलंकी की जगह लेंगे। सोलंकी 27 जुलाई, 2014 को हरियाणा के राज्यपाल नियुक्त किए गए थे। गत वर्ष 25 अगस्त को उन्हें त्रिपुरा स्थानांतरित कर दिया गया था। इस प्रकार उनका कार्यकाल 26 जुलाई को पूरा हो रहा है।
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