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चींटी से भी छोटे आकार के हैं ये 3डी रोबोट, शरीर के अंदर जाकर करेंगे इलाज

रोबोट हमारी जिंदगी का आने वाले दिनों में प्रमुख हिस्सा बनने वाले हैं। वैज्ञानिक अब चिकित्सा क्षेत्र में रोबोट की अहमियत को देखते हुए अलग-अलग आकार के रोबोट बना रहे हैं।

 अब वैज्ञानिकों ने विश्व की सबसे छोटी चींटी के आकार के 3डी रोबोट विकसित किए हैं, जोकि अल्ट्रासाउंड स्रोत या छोटे स्पीकरों से उत्पन्न हुए कंपन से चल सकता है।

अमेरिका की जार्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने बताया कि इन सुपर बोट्स का झुंड का उपयोग पर्यावरणीय परिवर्तन लाने और भविष्य में मानव शरीर में सर्जरी के दौरान सामग्री ले जाने और चोटों को ठीक करने में किया जा सकता है।

 माइक्रोमैकेनिक्स और माइक्रोइंजीनियरिंग जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार ये रोबोट अलग-अलग प्रकार की कंपन आवृत्तियों पर प्रतिक्रिया करते हैं। इसके माध्यम से शोधकर्ता कंपन को एडजस्ट करके प्रत्येक रोबोट को कंट्रोल कर सकते हैं।

 इन नए रोबोट की लंबाई लगभग दो मिलीमीटर है और ये एक सेकेंड में अपनी लंबाई का लगभग चार गुना भाग कवर कर सकते हैं।
जार्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के असिस्टेंट प्रोफेसर आजाद अंसारी ने बताया कि हम इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रानिक्स, जीव विज्ञान और भौतिकी को एक साथ लाकर काम कर रहे हैं। 
उन्होंने बताया कि यह बहुत ही समृद्ध क्षेत्र है जहां पर बहुत सी अवधारणओं को हकीकत में बदला जा सकता है। कई तरह की खोजें की जा सकती हैं।
रोबोट में पेजोइलेक्टिक एक्युटर लगा होता है। यह एक्युटर कंपन उत्पन्न करता है। जिससे यह रोबोट संचालित होता है। इस रोबोट को चलाने के लिए किसी बैटरी की जरूरत नहीं पड़ती है क्योंकि अत्यधिक छोटा आकार होने की वजह से बैटरी लगाना संभव भी नहीं है।वैज्ञानिकों ने बताया कि प्रत्येक रोबोट को अलग बनाया गया है।
 इन रोबोट को पैरों के आकर, शरीर के व्यास, डिजाइन के माध्यम से अलग किया है। अपने विशिष्ट आकार के वजह से विभिन्न कंपन आवृत्तियों पर ये अलग-अलग प्रतिक्रियाएं करते हैं। इससे शोधकर्ता प्रत्येक रोबोट पर अपना कंट्रोल रख सकते हैं। इनमें से कुछ रोबोट के छह पैर हैं तो कुछ के चार ही पैर हैं। अपने पैरों की संख्या के आधार पर भी ये रोबोट गति करते हैं।
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