नई दिल्ली : लोकसभा चुनावों के लिए सभी पार्टियों ने कमर कस ली है और चुनाव प्रचार मोड में हैं। इस बीच टाइम्स नाऊ और वीएमआर के सर्वे के अनुसार एनडीए फिर से बहुमत के जादुई आंकड़े को छू सकती है।
सर्वे के अनुसार एनडीए को 543 में से 283 सीट मिलने का अनुमान है, वहीं यूपीए सिर्फ 135 सीटों तक सिमट जाएगी। दक्षिण भारत में जहां एनडीए को कोई खास सफलता नहीं मिलने वाली, वहीं बंगाल में बीजेपी को बढ़त मिलने का अनुमान है।
नॉर्थ ईस्ट के प्रदेश असम और हिंदी पट्टी के राज्यों में बीजेपी का दबदबा कायम रहेगा। बीजेपी और सहयोगी दल आसानी से बहुमत का आंकड़ा छू लेंगे। एनडीए को 283 सीटें मिल सकती हैं, वहीं अन्य पार्टियों के खाते में 125 और यूपीए को 135 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है।
उत्तर प्रदेश में बीजेपी सर्वे के अनुसार 2014 वाला करिश्मा दोहराती नजर नहीं आ रही। 2014 में प्रदेश में बीजेपी का 43.3% वोट शेयर था और सहयोगियों के साथ मिलकर बीजेपी ने 73 सीटें जीती थीं। इस बार बीजेपी+ को 42 सीटों से ही संतोष करना पड़ सकता है।
महागठबंधन के खाते में 36 और कांग्रेस को 2 सीटें मिलने का अनुमान है।बीजेपी और एनडीए को सत्ता में वापसी दिलाने में बड़ी भूमिका सर्वे के अनुसार हिंदी पट्टी के राज्यों में बीजेपी का जलवा कायम रहेगा।
दिल्ली में भी सातों सीटों पर बीजेपी का परचम लहराएगा। मध्य प्रदेश के 29 में से 22 सीटों पर बीजेपी को जीत मिलने का अनुमान है, वहीं राजस्थान में भी बीजेपी 25 में से 20 सीटें जीत सकती है।
बिहार में 2014 में एकतरफा मोदी लहर चल रही थी। बिहार में बीजेपी को 51.5% वोट और 30 सीटें मिली थी। 2019 में एनडीए का वोट शेयर 48.40 रहने का अनुमान जताया गया है और एनडीए को 27 सीटें मिल सकती हैं। यूपीए को इन चुनावों में 42.40 फीसदी वोट शेयर और 13 सीट मिल सकती है।
सर्वे के अनुसार आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस को पिछले लोकसभा चुनावों में 8 सीटों पर जीत मिली थी, लेकिन इस बार यह आंकड़ा 22 सीटों पर जीत तक पहुंच सकता है। एनडीए से अलग होने और ऐंटी इनकंबेंसी का बड़ा नुकसान टीडीपी को सर्वे में होता दिख रहा है। नायडू की पार्टी पिछले चुनावों में 15 सीटों की जीत से फिसलकर 3 सीटों पर सीमित हो सकती है।
सर्वे के अनुसार एनडीए को 543 में से 283 सीट मिलने का अनुमान है, वहीं यूपीए सिर्फ 135 सीटों तक सिमट जाएगी। दक्षिण भारत में जहां एनडीए को कोई खास सफलता नहीं मिलने वाली, वहीं बंगाल में बीजेपी को बढ़त मिलने का अनुमान है।
नॉर्थ ईस्ट के प्रदेश असम और हिंदी पट्टी के राज्यों में बीजेपी का दबदबा कायम रहेगा। बीजेपी और सहयोगी दल आसानी से बहुमत का आंकड़ा छू लेंगे। एनडीए को 283 सीटें मिल सकती हैं, वहीं अन्य पार्टियों के खाते में 125 और यूपीए को 135 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है।
उत्तर प्रदेश में बीजेपी सर्वे के अनुसार 2014 वाला करिश्मा दोहराती नजर नहीं आ रही। 2014 में प्रदेश में बीजेपी का 43.3% वोट शेयर था और सहयोगियों के साथ मिलकर बीजेपी ने 73 सीटें जीती थीं। इस बार बीजेपी+ को 42 सीटों से ही संतोष करना पड़ सकता है।
महागठबंधन के खाते में 36 और कांग्रेस को 2 सीटें मिलने का अनुमान है।बीजेपी और एनडीए को सत्ता में वापसी दिलाने में बड़ी भूमिका सर्वे के अनुसार हिंदी पट्टी के राज्यों में बीजेपी का जलवा कायम रहेगा।
दिल्ली में भी सातों सीटों पर बीजेपी का परचम लहराएगा। मध्य प्रदेश के 29 में से 22 सीटों पर बीजेपी को जीत मिलने का अनुमान है, वहीं राजस्थान में भी बीजेपी 25 में से 20 सीटें जीत सकती है।
बिहार में 2014 में एकतरफा मोदी लहर चल रही थी। बिहार में बीजेपी को 51.5% वोट और 30 सीटें मिली थी। 2019 में एनडीए का वोट शेयर 48.40 रहने का अनुमान जताया गया है और एनडीए को 27 सीटें मिल सकती हैं। यूपीए को इन चुनावों में 42.40 फीसदी वोट शेयर और 13 सीट मिल सकती है।
सर्वे के अनुसार आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस को पिछले लोकसभा चुनावों में 8 सीटों पर जीत मिली थी, लेकिन इस बार यह आंकड़ा 22 सीटों पर जीत तक पहुंच सकता है। एनडीए से अलग होने और ऐंटी इनकंबेंसी का बड़ा नुकसान टीडीपी को सर्वे में होता दिख रहा है। नायडू की पार्टी पिछले चुनावों में 15 सीटों की जीत से फिसलकर 3 सीटों पर सीमित हो सकती है।
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