भोपाल : शाहजहांनाबाद स्थित सरस्वती को-एड हायर सेकंडरी स्कूल की 9वीं की छात्रा को परीक्षा कक्ष में खड़े होकर परीक्षा देनी पड़ी, क्योंकि उसके मजदूर पिता ने फीस नहीं जमा की थी।
शुक्रवार को छात्रा का तीसरा पेपर था, इसलिए अभिभावक स्कूल गए और बैठकर परीक्षा दिलाने की गुहार लगाई, लेकिन प्राचार्य नहीं माने।
मामले की जानकारी मुख्यमंत्री कमलनाथ तक पहुंच गई। उन्होंने इसे मानवीय मूल्यों के खिलाफ व गंभीर मामला बताकर स्कूल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके बाद अधिकारी हरकत में आए। आखिर बच्ची ने बैठकर परीक्षा दी।
शाहजहांनाबाद निवासी हमीर सिंह प्रजापति मजदूरी कर एक बेटी और दो बेटों को सरस्वती को-एड हायर सेकंडरी में पढ़ाते हैं। उनकी पत्नी भी सिलाई कर मदद करती हैं।
हमीर ने बताया कि बेटी प्रेरणा 9वीं में, एक बेटा केजी-टू और दूसरा बेटा पहली कक्षा में है। परीक्षा शुरू होने से पहले प्राचार्य ने बकाया 37 हजार रुपए फीस भरने के लिए नोटिस दिया था। इसमें से 20 हजार जमा कर दिया था और 17 हजार स्र्पए बकाया था।
परीक्षा शुरू हुई तो हमीर ने प्राचार्य से कहा कि जल्द ही पैसा जमा कर दूंगा, लेकिन उन्होंने बेटी को दूसरा पर्चा खड़े होकर परीक्षा दिलाया। शुक्रवार को प्रेरणा का तीसरा पर्चा था।
परेशान अभिभावक स्कूल पहुंचे और प्राचार्य से बेटी को बैठाकर परीक्षा देने के लिए मिन्न्तें की, लेकिन प्राचार्य अजय खांडे मानने को तैयार नहीं थे।
इसकी जानकारी मुख्यमंत्री कमलनाथ को मिली तो उन्होंने अधिकारियों को पीड़ित छात्रा से चर्चा कर मामले की जांच करने के निर्देश दिए।
फीस नहीं भर पाने के कारण छात्रा को खड़े रहकर परीक्षा देने की सजा का मामला सही पाए जाने पर दोषी स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।
इधर, इस मामले के बाद प्राचार्य ने फोन बंद कर दिया। वहीं मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिला शिक्षा अधिकारी धर्मेन्द्र शर्मा ने भी अभिभ्ाावक व छात्रा से मिलकर मामले की जानकारी ली।
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