भोपाल : विधानसभा चुनाव में बहुमत के जादुई आंकड़े से दो सीटें पीछे रहने के बावजूद सत्ता में लौटी कांग्रेस अब लोकसभा चुनाव के लिए फूंक-फूंक कर पांव रख रही है।
लोकसभा चुनाव प्रभारियों से उज्जैन और बालाघाट सीट की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पूरी ताकत झोंकने की नसीहत दी।
उन्होंने कहा कि दोनों लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस पांच-पांच सीटें जीत चुकी है। जीतने की पूरी संभावना है इसलिए ताकत झोंक दें, यदि हारे तो बहुत गलत संदेश जाएगा। मंत्री-विधायकों को विशेष हिदायतें दी गईं हैं।
मुख्यमंत्री ने चुनावी तैयारियों के साथ ही प्रत्याशियों के पैनल में मौजूद दावेदारों के नामों पर विचार विमर्श किया। गुरुवार की बैठक तुलनात्मक रूप से जल्दबाजी में हुई, वन-टू-वन चर्चा का कार्यक्रम मुल्तबी कर दिया गया।
समय की तंगी के चलते बैठक में मौजूद सभी सदस्यों से संभावित जिताऊ उम्मीदवारों के नाम पर्चियों पर मांग लिए गए। कमलनाथ ने यह भी कहा कि पर्चियों पर मौजूद नामों को सर्वे रिपोर्ट से मिलान कर लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि उज्जैन की आठ में से पांच सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है, जबकि बालाघाट में चार सीटें कांग्रेस के पास हैं। एक पर निर्दलीय प्रदीप जायसवाल जीते हैं। जायसवाल मंत्री भी हैं, वह कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं।
कमलनाथ ने दोनों क्षेत्रों में मंत्री-विधायकों को सीट जिताने का टारगेट भी दिया है। साथ ही पड़ोस की सीट जिताने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि पूरा माहौल हमारे पक्ष में है, इसलिए कोई कसर न छोड़ें। यदि किसी कारणवश जीत नहीं मिली तो बहुत खराब संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि वचन पत्र के जो काम हमारी सरकार ने किए हैं, उन्हें जनता के बीच ले जाएं।
इस अवसर पर यह भी कहा गया कि दो बार चुनाव हार चुके नेताओं को टिकट नहीं दिया जाएगा। राज्यसभा सदस्य और मौजूदा विधायकों को भी चुनावी मैदान में नहीं उतारेंगे।
बैठक में लोकसभा सीट प्रभारी, प्रभारी मंत्री, पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद, जिलाध्यक्ष, नपा अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारी और अभा कांग्रेस के पर्यवेक्षक भी मौजूद थे। इस दौरान बैठक में सदस्यों से सुझाव भी मांगे गए। बालाघाट के पैनल पर भी विचार विमर्श किया गया।
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