भोपाल : मंदसौर गोलीकांड पर विधानसभा में दिये गये जवाब के एक दिन बाद यू-टर्न लेते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने मंगलवार को दावा किया कि घटना की न्यायिक जांच का परीक्षण कराया जा रहा है और दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
मालूम हो कि एक दिन पहले ही सोमवार को प्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन ने विधानसभा में विधायक हर्ष गहलोत के सवाल के लिखित जवाब में कहा था कि मंदसौर के पिपलिया मंडी थाना क्षेत्र में छह जून 2017 को हिंसक भीड़ को नियंत्रित करने के लिये आत्मरक्षा और सरकारी संपत्ति की सुरक्षा के लिये गोली चलाई गयी थी।
गृहमंत्री ने यह भी बताया कि सरकारी संपत्ति की रक्षा के लिये तत्कालीन एसडीएम मल्हारगढ़ श्रवण भंडारी ने कानूनी प्रक्रिया का पालन कर गोली चलाने का आदेश दिया था।
बाला बच्चन ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि मंदसौर पुलिस फायरिंग में किसी को भी क्लीन चिट नहीं दी गई है। बच्चन ने कहा, मंदसौर के किसानों पर हुए गोलीकांड की न्यायिक जांच का हम परीक्षण कर रहे हैं। यदि हम जांच से संतुष्ट नहीं हुए तो दोबारा उच्च स्तरिय जांच करवा सकते हैं।
जांच में जो भी दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ कड़ी वैधानिक कार्रवाई की जायेगी। इससे पहले, मंगलवार सुबह को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्वियज सिंह ने गृहमंत्री बच्चन द्वारा विधानसभा में दिये गये जवाब पर असहमति प्रकट करते हुए कहा था कि यह स्वीकार्य नहीं है।
दिग्विजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा, गृहमंत्री ने भाजपा को एक क्लीन चिट सी दे दी। हालांकि, गृहमंत्री ने विधानसभा में दिये गये अपने उत्तर का बचाव करते हुए कहा कि विधानसभा में उनका जवाब इस मामले में पूर्व सरकार द्वारा कराई कई जांच रिपार्ट पर आधारित था।
उन्होंने साफ किया कि इस मामले में उन्होंने किसी को क्लीन चिट नहीं दी है। उन्होंने कहा, मैंने दिग्विजय सिंह से इस मामले में सुबह बात की है। किसी को भी क्लीन चिट नहीं दी है। हम न्यायिक जांच का परीक्षण करा रहे हैं और जो भी इस मामले में दोषी पाया जायेगा। उसे कड़ा दंड दिया जायेगा।
ज्ञात हो कि कांग्रेस ने पिछले साल विधानसभा चुनाव में प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ मंदसौर गोलीकांड को भी मुद्दा बनाया था। मंदसौर गोलीकांड की पहली बरसी पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंदसौर में चुनावी रैली की थी। प्रदेशव्यापी किसान आंदोलन के दौरान मंदसौर में छह जून 2017 को पुलिस की गोली से छह किसानों की मौत हो गई थी।
मालूम हो कि एक दिन पहले ही सोमवार को प्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन ने विधानसभा में विधायक हर्ष गहलोत के सवाल के लिखित जवाब में कहा था कि मंदसौर के पिपलिया मंडी थाना क्षेत्र में छह जून 2017 को हिंसक भीड़ को नियंत्रित करने के लिये आत्मरक्षा और सरकारी संपत्ति की सुरक्षा के लिये गोली चलाई गयी थी।
गृहमंत्री ने यह भी बताया कि सरकारी संपत्ति की रक्षा के लिये तत्कालीन एसडीएम मल्हारगढ़ श्रवण भंडारी ने कानूनी प्रक्रिया का पालन कर गोली चलाने का आदेश दिया था।
बाला बच्चन ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि मंदसौर पुलिस फायरिंग में किसी को भी क्लीन चिट नहीं दी गई है। बच्चन ने कहा, मंदसौर के किसानों पर हुए गोलीकांड की न्यायिक जांच का हम परीक्षण कर रहे हैं। यदि हम जांच से संतुष्ट नहीं हुए तो दोबारा उच्च स्तरिय जांच करवा सकते हैं।
जांच में जो भी दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ कड़ी वैधानिक कार्रवाई की जायेगी। इससे पहले, मंगलवार सुबह को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्वियज सिंह ने गृहमंत्री बच्चन द्वारा विधानसभा में दिये गये जवाब पर असहमति प्रकट करते हुए कहा था कि यह स्वीकार्य नहीं है।
दिग्विजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा, गृहमंत्री ने भाजपा को एक क्लीन चिट सी दे दी। हालांकि, गृहमंत्री ने विधानसभा में दिये गये अपने उत्तर का बचाव करते हुए कहा कि विधानसभा में उनका जवाब इस मामले में पूर्व सरकार द्वारा कराई कई जांच रिपार्ट पर आधारित था।
उन्होंने साफ किया कि इस मामले में उन्होंने किसी को क्लीन चिट नहीं दी है। उन्होंने कहा, मैंने दिग्विजय सिंह से इस मामले में सुबह बात की है। किसी को भी क्लीन चिट नहीं दी है। हम न्यायिक जांच का परीक्षण करा रहे हैं और जो भी इस मामले में दोषी पाया जायेगा। उसे कड़ा दंड दिया जायेगा।
ज्ञात हो कि कांग्रेस ने पिछले साल विधानसभा चुनाव में प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ मंदसौर गोलीकांड को भी मुद्दा बनाया था। मंदसौर गोलीकांड की पहली बरसी पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंदसौर में चुनावी रैली की थी। प्रदेशव्यापी किसान आंदोलन के दौरान मंदसौर में छह जून 2017 को पुलिस की गोली से छह किसानों की मौत हो गई थी।
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