....

पराक्रम-समृद्धि लेकर आएगी मकर संक्रांति, राशियों पर पड़ेगा ये प्रभाव

भोपाल : इस वर्ष सूर्य के उत्तरायण होने का पर्व मकर-संक्रांति 15 जनवरी मंगलवार को मनाया जाएगा। इस बार संक्रांति का वाहन सिंह, जबकि उपवाहन गज (हाथी) होगा जो पराक्रम और समृद्धि का परिचायक है। 
ज्योतिर्विदों के अनुसार इसके चलते साहसी व्यक्ति को कार्यों में सफलता और समृद्धि के योग बनेंगे। सूर्य के राशि परिवर्तन का असर अलग-अलग राशि के जातकों पर अलग-अलग पड़ेगा। संक्रांति का पुण्यकाल चार घंटे 42 मिनट रहेगा।
ज्योतिर्विद्  के अनुसार इस वर्ष धनु राशि से सूर्य का मकर राशि में प्रवेश सूर्यास्त होने के बाद शाम 7.50 बजे होगा। इससे मकर संक्रांति का पर्व 14 के बजाए 15 जनवरी को मनाना शास्त्रसम्मत रहेगा। 
15 जनवरी को संक्रांति का विशिष्ट पुण्यकाल सूर्योदय के साथ सुबह 7.10 से 11.52 बजे तक रहेगा। इस दिन अश्विन नक्षत्र दोपहर 1.55 तक, जबकि कार्य में सफलता देने वाला साध्य योग दिवस पर्यंत रहेगा। यह स्नान, दान और पूजन के लिए श्रेष्ठ समय होगा।
संक्रांति को श्वेत वस्त्र धारण कर हाथ में स्वर्ण पात्र लेकर अन्न ग्रहण करती हुई कस्तूरी का लेपन कर उत्तर दिशा की ओर जाते हुए दर्शाया गया है। आमतौर पर मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती है। 
इस साल 15 को मनाई जाएगी। इससे पहले 2012 और 2016 में भी पर्व 15 जनवरी को मनाया गया था। सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ मांगलिक कार्यों की भी शुरुआत होगी।
जब सूर्य मकर, कुंभ, वृषभ, मीन, मेष और मिथुन राशि में रहता है उस समय को उत्तरायण कहते हैं।
जब सूर्य सिंह, कन्या, कर्क, तुला, वृश्चिक और धनु राशि में होता है उस समय को दक्षिणायन कहा जाता है।
ज्योतिर्विदों के मुताबिक सूर्य का धनु से मकर राशि में प्रवेश अलग-अलग राशि के जातकों पर अलग प्रभाव डालेगा। यह राशि परिर्वतन मेष, मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, धनु, कुंभ व मीन राशि वालों के लिए शुभ रहेगा। अन्य राशि कन्या, वृषभ, वृश्चिक, मकर राशि के जातकों को सावधानी रखने की आवश्यकता है।
सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाएगी। इसके चलते जनवरी में विवाह के लिए 17, 18, 22, 23 से 31 तक 12 दिन विवाह के मुहूर्त रहेंगे। इसके बाद फरवरी में 1 से 5, 7 से 13, 15, 19 से 28 तक कुल 23 दिन शादियां होंगी। मार्च में 2, 3, 7, 9, 12, 13, 14 सहित सात और अप्रैल में 15 से 26 सहित 12 विवाह के मुहूर्त होंगे। इसके अलावा मई में 21, जून में 15 और जुलाई में सात दिन शादियां होंगी। इसके बाद चातुर्मास लगने से विवाह पर रोक लग जाएगी।
Share on Google Plus

click News India Host

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment